3000 रुपये से ज्यादा के UPI पेमेंट पर लगेगा शुल्क? वित्त मंत्रालय ने किया क्लियर

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UPI Payment: हाल ही में ऐसी खबरें जोर पकड़ रही थीं कि सरकार ₹3000 से अधिक के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) या शुल्क लगाने की तैयारी कर रही है.

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UPI Payment Charges: हाल ही में ऐसी खबरें जोर पकड़ रही थीं कि सरकार ₹3000 से अधिक के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) या शुल्क लगाने की तैयारी कर रही है. इन अटकलों ने डिजिटल भुगतान का उपयोग करने वाले लाखों भारतीयों के बीच चिंता पैदा कर दी थी. हालांकि, अब वित्त मंत्रालय ने इन सभी दावों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है.

सरकार का स्पष्टीकरण: 'दावे झूठे और भ्रामक'

वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया है कि UPI लेनदेन पर MDR चार्ज करने की सभी अटकलें और दावे "पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक" हैं. मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि इस तरह की "निराधार और सनसनी पैदा करने वाली अटकलें" नागरिकों के बीच अनावश्यक अनिश्चितता, भय और संदेह पैदा करती हैं. सरकार भारत में UPI के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

क्या थे दावे?

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने सुझाव दिया था कि बड़े व्यापारियों (जिनका टर्नओवर अधिक है) पर 0.3% MDR लगाया जाए. इसी सुझाव को लेकर यह दावा किया गया था कि सरकार ₹3000 से कम के लेनदेन को मुफ्त रखते हुए, इससे अधिक के लेनदेन पर शुल्क लागू कर सकती है.

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यह भी कहा जा रहा था कि मुफ्त UPI ने भारत को डिजिटल भुगतान में दुनिया में नंबर वन बना दिया है, लेकिन बैंकों और पेमेंट प्रोवाइडर्स को घाटे से बचाने के लिए बड़े लेनदेन पर शुल्क लगाने की आवश्यकता है. इन अफवाहों में यह भी शामिल था कि इस फीस को लागू करने से पहले बैंकों और वित्तीय कंपनियों से बातचीत की जाएगी और फिर 12 महीने के भीतर इसे लागू कर दिया जाएगा. सरकार ने इन सभी को 'अफवाह' बताया है.

MDR क्या है?

MDR वह शुल्क होता है जो एक व्यापारी अपने ग्राहकों से डिजिटल भुगतान स्वीकार करने के लिए बैंक या भुगतान सेवा प्रदाता को भुगतान करता है. वर्तमान में, UPI लेनदेन पर 'जीरो MDR' नीति लागू है, जिसका अर्थ है कि व्यापारियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. यह नीति जनवरी 2020 से प्रभावी है. क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स पर MDR आमतौर पर 0.9% से 2% तक होता है, जबकि RuPay क्रेडिट कार्ड पर कोई शुल्क नहीं लगता.

UPI का बढ़ता दबदबा

UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति ला दी है. वर्तमान में, UPI की खुदरा लेनदेन में 80% हिस्सेदारी है और मर्चेंट भुगतान की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है. 2020 के बाद से, UPI पर मर्चेंट पेमेंट्स का कुल मूल्य ₹60 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, जो इसकी जबरदस्त सफलता को दर्शाता है.
 

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