छत्तीसगढ़ के पेड़का-कोरसेल गांव में माओवादी ने जनताना अदालत लगाकर ग्रामीणों को दी खौफनाक सजा, लेटर जारी कर बताई पूरी कहानी

न्यूज तक

Naxalite Press Release: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पेड़का-कोरसेल गांव में माओवादियों ने जनताना अदालत लगाकर तीन ग्रामीणों को मौत की सजा दी. माओवादी गंगालूर एरिया कमेटी ने लेटर जारी कर हत्या की जिम्मेदारी ली है.

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Chhattisgarh Maoist Jan Adalat – Peedka-Korsel Killings
प्रतीकात्मक इमेज(इनसेट: माओवादी का लेटर)
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Naxalite Press Release: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पेड़का-कोरसेल गांव में माओवादियों ने एक बार फिर सनसनीखेज कदम उठाया है. माओवादी गंगालूर एरिया कमेटी ने प्रेस बयान जारी कर गांव में हुई हालिया हत्याओं की जिम्मेदारी ली है. उनका आरोप है कि मारे गए लोग पुलिस के लिए जासूसी कर रहे थे और माओवादी विरोधी अभियानों में मदद कर रहे थे. इस घटना ने इलाके में तनाव को और बढ़ा दिया है. आइए, जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी.

माओवादियों का गंभीर आरोप

माओवादी गंगालूर एरिया कमेटी ने दावा किया कि पेड़का-कोरसेल गांव के कुछ लोग पुलिस के लिए खुफिया जानकारी जुटा रहे थे. इनमें मोड़ियाम जुगू, मोड़ियाम सोमाल और माड़वी अनिल जैसे लोग शामिल थे, जिन्हें पुलिस ने "गोपनीय सैनिक" और "स्मॉल टीम" के रूप में तैयार किया था. माओवादियों का कहना है कि इन लोगों को कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन उन्होंने अपनी गतिविधियां बंद नहीं कीं.

युवाओं को पैसे और ट्रेनिंग का लालच

माओवादी बयान के मुताबिक, मोड़ियाम जुगू को शुरू में 25,000 रुपये दिए गए और बाद में बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव ने और 25,000 रुपये देने का वादा किया था. मोड़ियाम सोमाल को दो महीने की ट्रेनिंग के बाद 10,000 रुपये देकर स्मॉल टीम में शामिल किया गया. माड़वी अनिल भी इसी टीम का हिस्सा था. इनके साथ कुल 10 लोग थे, जिन्हें पकड़कर जनअदालत में लाया गया और बाद में कुछ को छोड़ दिया गया.

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जनअदालत में सजा-ए-मौत

माओवादियों ने बताया कि दिनेश नाम के एक गद्दार के परिवार को कई बार समझाया गया, लेकिन वे नहीं माने. इसके बाद मोड़ियाम जुगू, मोड़ियाम सोमाल और माड़वी अनिल को जनअदालत में लाकर मृत्युदंड की सजा दी गई. माओवादियों का दावा है कि इन लोगों ने पुलिस को PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गेरिल्ला आर्मी) पर हमले करवाने की सूचना दी थी, जिसके लिए उन्हें सजा दी गई.

सख्त चेतावनी और नारे

माओवादी संगठन ने चेतावनी दी है कि जो भी पुलिस के साथ काम करेगा, उसे भी यही सजा मिलेगी। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे "इंटेलिजेंस" या "गोपनीय सैनिक" जैसे कामों से दूर रहें। बयान में हिंदुत्व फासीवादी सरकार के खिलाफ सशस्त्र क्रांति का आह्वान किया गया और नारे लगाए गए जैसे:

  • “जनयुद्ध से ऑपरेशन कगार को हराएंगे!”
  • “PLGA जिंदाबाद!”
  • “नवजनवादी क्रांति जिंदाबाद!”
  • “माओवादी जिंदाबाद!”

क्षेत्र में तनाव

माओवादी बयान में पुलिस अधिकारी जितेंद्र यादव और गद्दार दिनेश, मनीष व संतोष को भी जिम्मेदार ठहराया गया है. हालांकि, इस घटना पर अभी तक प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. गंगालूर क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और सुरक्षा बलों की नजरें इस घटना पर टिकी हैं.

यहां देखें माओवादी का लेटर

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