सीएजी रिपोर्ट पर आतिशी ने केंद्र पर लगाया ‘सौतेले व्यवहार’ का आरोप, दिल्ली विधानसभा में माइक बंद होने पर भड़कीं

न्यूज तक

दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश होने के बाद भाजपा की ओर से आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा गया. लेकिन नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने केंद्र सरकार पर ‘सौतेले व्यवहार’ का आरोप लगाते हुए पलटवार किया.

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Atishi
आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी
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दिल्ली की विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश कर भाजपा खुद ही सवालों में घिर गई है. दरअसल, भाजपा इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी को घेरने उतरी थी. इस बीच नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सदन में इसका करारा जवाब दिया. इस दौरान भाजपा सरकार पिछले वित्तीय वर्ष में राजस्व घाटा को लेकर ‘‘आप’’ सरकार की नाकामी गिनाने की कोशिश कर रही थी. 

इस पर आतिशी ने सदन में कहा कि दिल्ली को यह वित्तीय घाटा केंद्र सरकार के ‘सौतेले’ व्यवहार की वजह से हुआ है. उनके इतना कहते ही भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि इस बीच स्पीकर ने आतिशी का माइक तक बंद कर दिया.

केंद्र से मिलने वाले पैसों पर उठाए सवाल

आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार को महाराष्ट्र ने 7.6 लाख करोड़ टैक्स दिया और बदले में उसे केंद्र से 52 हजार करोड़ मिले. इसी तरह, कर्नाटक ने केंद्र को 4.50 लाख करोड़ दिया. इसके बदले में केंद्र सरकार से उसे 45 हजार करोड़ वापस मिले. आतिशी ने कहा कि  दिल्ली वाले हर साल केंद्र सरकार को 2.25 लाख करोड़ रुपए टैक्स देते हैं और बदले में केंद्र से दिल्ली को सिर्फ 850 करोड़ रुपए मिलता है. पिछले तीन साल से यह भी पैसा नहीं मिला है. उन्होंने सीएम रेखा गुप्ता से कहा कि अब दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार है. हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से 50 हजार करोड़ रुपए लेकर आएंगी.

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दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार किया: आतिशी 

सदन से बाहर आने के बाद आतिशी ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट देंखे तो साफ नजर आता है कि दिल्ली में वित्तीय घाटा हुआ. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ केंद्र सरकार की वजह से हुआ . सीएजी की रिपोर्ट दिखाती है कि दिल्ली का अपना टैक्स रेवेन्यू 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 और 2023-24 में लगातार बढ़ा है. फिर राजस्व में क्या घटा? राजस्व में वही पैसा घटा, जो केंद्र सरकार से दिल्ली को नहीं मिला. दिल्ली के लोग हर साल केंद्र सरकार को 2.25 लाख करोड़ रुपए बतौर टैक्स देते हैं. लेकिन केंद्र सरकार वापस दिल्ली को महज 850 करोड़ रुपए मिलता है. पिछले तीन साल से केंद्र सरकार यह पैसा भी नहीं दे रही है. सीएजी की रिपोर्ट में साफ नजर आ रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार किया गया.

'सच बोला तो स्पीकर ने मेरा माइक बंद कर दिया'

आतिशी ने कहा कि सदन के अंदर जैसे ही मैने यह आंकड़े रखनी शुरू की कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र, कर्नाटक को शेयरिंग टैक्स का पैसा देती है, लेकिन दिल्ली सरकार को एक रुपए नहीं देती है. जबकि केंद्र सरकार को टैक्स देने के मामले में दिल्ली का पूरे देश में तीसरा स्थान है. जब भाजपा की सच्चाई सामने आने लगी तो स्पीकर ने मेरा माइक बंद कर दिया. यह बिल्कुल तानाशाही है और विपक्ष की आवाज को दबाने का तरीका है. भाजपा का पर्दाफाश हो रहा है, उसे बचाने में लगे हुए हैं.

सामने आया भाजपा का झूठ: आतिशी 

वहीं, सदन के अंदर आतिशी ने सीएजी रिपोर्ट पर कहा कि सदन द्वारा कहा गया है कि सीएजी की रिपोर्ट में आ गया है कि अरविंद केजरीवाल का झूठ साबित हो गया. दिल्ली सरकार मुनाफे में नहीं चल रही थी. दिल्ली की सरकार वास्तविक तौर पर घाटे में चल रही थी. ट्रेंड्स एंड रेवेन्यू रिसीट्स दिखाता है कि दिल्ली सरकार के पास कहां-कहां से पैसे आए. राजस्व कितना घटा, कितना बढ़ा, किस मद में और कौन से टैक्स से आए. रिसीट्स में लिखा है कि 2022-23 में कुल राजस्व प्राप्ति 62703 करोड़ रुपए था और 2023-24 में 56798 करोड़ रुपए था. इसे देखकर तो लग रहा है कि राजस्व प्राप्ति में कमी आई है. लेकिन जब हम ऑन टैक्स रेवेन्यू कॉलम को देखते हैं तो भाजपा द्वारा जनता में बनाए जा रहे भ्रम की सारी सच्चाई खुल जाती है.

टैक्स देने के बाद भी दिल्ली को मिले कम पैसे

आतिशी ने कहा कि दिल्ली का ऑन टैक्स रेवेन्यू 2021-22 में 4019 करोड़ रुपए था, जो 2022-23 में बढ़कर 47363 करोड़ रुपए हो गया और 2023-24 में 53681 करोड़ रुपए हो गया. 2021-22 में रेवेन्यू और जीएसटी की वृद्धि दर 36 फीसद बढ़ा, 2022-23 में 18 फीसद और 2023-24 में दिल्ली में रेवेन्यू और जीएसटी की वृद्धि दर 13.34 फीसद रही. फिर यह सवाल उठता है कि दिल्ली के ऑन टैक्स तो बढ़े, लेकिन दिल्ली का बजट कैसे घट गया? इसकी सच्चाई केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार की तरफ है. केंद्र सरकार ने कभी दिल्ली को इनकम टैक्स का पैसा नहीं दिया.

दिल्ली के लोग हर साल दो लाख करोड़ रुपए इनकम टैक्स देते हैं, 25 हजार करोड़ रुपए जीएसटी देते हैं, लेकिन दिल्ली को मात्र 850 करोड़ रुपए ही केंद्र सरकार से मिला है. पिछले दो सालों से एक चवन्नी नहीं मिली है. यह भाजपा की केंद्र सरकार की सच्चाई है. आतिशी ने कहा कि दिल्ली के लोग 2.25 लाख करोड़ रुपए बतौर टैक्स केंद्र सरकार को देते हैं और बदले में वापस महज 850 करोड़ रुपए मिलता है. यह पैसा भी 2022-23 और 2023-24 में नहीं मिला. महाराष्ट्र के लोग 7.6 लाख करोड़ टैक्स देते हैं, उनको 52 हजार करोड़ शेयरिंग टैक्स केंद्र सरकार से वापस मिलता है. कर्नाटक के लोग 4.50 लाख करोड़ टैक्स देते हैं, उनको केंद्र से वापस 45 हजार करोड़ रुपए मिलते हैं.

राजस्व घाटे के लिए की केंद्र सरकार जिम्मेदार

आतिशी ने बोलने के दौरान माइक बंद किए जाने का कड़ा विरोध करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि भाजपा के विधायक राजनीतिक बयानबाजी करें तो ठीक है और ‘‘आप’’ विधायक राजनीतिक भाषण दें तो गलत है. आज यह सच्चाई दिल्ली समेत पूरे देश की जनता के सामने है कि जो सीएजी की रिपोर्ट के नाम पर घाटे के राजस्व दिखाए जा रहे हैं.  अगर उसके लिए कोई जिम्मेदार है तो वह भाजपा की केंद्र सरकार है. भाजपा की केंद्र सरकार ने शेयर एंड टैक्स के नाम पर दिल्ली को कुछ नहीं दिया. जबकि देश के सारे राज्यों को शेयर एंड टैक्सेज मिलता है.

दिल्ली काे उसका हक दिलवाएं सीएम :  आतिशी 

आतिशी ने कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सीएजी की रिपोर्ट देखें तो लगातार बोएंसी दिखाई है. इसका मतलब यह है कि जितनी दिल्ली की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ हुई. उससे ज्यादा टैक्स दिल्ली सरकार ने लगातार पिछले तीन साल से इकट्ठा किया है. दिल्ली में लगातार इनकम टैक्स बढ़ा है. मेरी सीएम से मांग है कि दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार है. दिल्ली का जो हक है, उसे दिलवाएं. दिल्ली को अपना शेयरिंग टैक्सेज मिलना चाहिए. दिल्ली को आने वाले साल के बजट में 50 हजार करोड़ शेयरिंग टैक्सेज केंद्र सरकार से लें. दिल्ली के लोग हमेशा याद रखेंगे.

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