Panchkula Case Update: प्रवीण मित्तल केस में नया मोड़! गाड़ी से मिले दो नोट, ससुर का सनसनीखेज बयान आया सामने
Panchkula Case Update: पंचकुला में एक ही परिवार के सात लोगों की मौत के बाद कल उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस बीच प्रवीण मित्तल के ससुर रवि गुप्ता ने कहा है कि उनकी लड़की मरी नहीं बल्कि मारी गई है.
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Panchkula Case Update: हरियाणा के पंचकूला में सोमवार देर रात जान देने वाले एक परिवार के 7 सदस्यों का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान एक साथ जली सात चिताओं का दृश्य बेहद मार्मिक था.
प्रवीण मित्तल मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला के निवासी थे. बीते 12 वर्षों से वे पंचकूला में रह रहे थे. कहा जा रहा है कि इसके बाद वे आर्थिक दबाव के कारण अचानक पंचकूला से उत्तराखंड के देहरादून में शिफ्ट हो गए थे, जहां वे पांच साल तक संपर्क से रहे.
गाड़ी में मिले दो नोट, जांच जारी
आपको बता दें पंचकूला पुलिस को प्रवीण मित्तल की गाड़ी से एक नहीं दो नोट मिले हैं. पहले नोट गाड़ी के डैशबोर्ड में था और दूसरा बैग में रखी एक डायरी के अंदर. ये नोट किसने लिखे हैं इसकी अभी जांच चल रही है.
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प्रवीण के ससुर ने लगाया बड़ा आरोप
अंतिम संस्कार के समय प्रवीण मित्तल के ससुर रवि गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की हत्या की गई है. उनका कहना था कि परिवार ने समय पर साथ नहीं दिया और अब मरने पर सब आ गए. उन्होंने यह भी कहा कि अब उनका इस परिवार से कोई संबंध नहीं है.
कभी हुआ करते थे फैक्ट्री के मालिक
पुलिस की जांच में सामने आया है कि 2007-08 में प्रवीण की हिमाचल प्रदेश के बद्दी में एक स्क्रैप फैक्ट्री हुआ करती थी. लेकिन इस दौरान उन्हें बिजनेस में भारी नुकसान हो गया और वे करीब छह करोड़ रुपये के कर्ज में डूब गए. इसमें से चार करोड़ बैंक का और दो करोड़ जान-पहचान वालों का था. बैंक ने रिकवरी के लिए उनकी तीन गाड़ियां और एक फ्लैट जब्त कर लिए थे.
बिजनेस बंद होने के बाद प्रवीण परिवार सहित पंचकूला से देहरादून शिफ्ट हो गए. बैंक के कर्ज से तो उन्होंने धीरे-धीरे निपट लिया था, लेकिन व्यक्तिगत उधारी की देनदारी बनी रही. ब्याज के कारण वह दो करोड़ अब बढ़कर 15 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका था.
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10 वर्षों तक रिश्तेदार से नहीं किया संपर्क
कहा जा रहा है कि कि हिसार में भी प्रवीण की एक और स्क्रैप फैक्ट्री थी, जिसे भी बैंक ने जब्त कर लिया था. आर्थिक दबाव और सामाजिक दूरी के चलते उन्होंने लगभग 10 वर्षों तक किसी रिश्तेदार से संपर्क नहीं किया.
मृतक के मामा के बेटे ने क्या कहा
मृतक प्रवीण के मामा के बेटे संदीप के मुताबिक, उन्होंने प्रवीण से 5 दिन पहले ही बात की थी. उन्होंने बताया कि प्रवीण को कर्ज न चुका पाने के कारण जान से मारने की धमकियां भी मिल रही थीं.