कूनो चीता सफारी फांदकर राजस्थान पहुंच गया अग्नि, फिर ऐसे लौटा घर, अब मिलेगी सजा!

खेमराज दुबे

तीन दिन से बाहर घूम रहा नर चीता अग्नि सोमवार को राजस्थान के बारां जिले के कैलवाड़ा रेंज में पहुंच गया. जहां से उसे ट्रैंकुलाइज कर वापस लाया गया.

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Kuno National Park: देश की इकलौती चीता सफारी कूनो नेशनल पार्क में लाए गए विदेशी चीतों को धीरे-धीरे कर खुले जंगलों में छोड़ा जा रहा है. लेकिन बाड़े से जंगल में छोड़ा गया चीता (Cheetah) अग्नि मध्य प्रदेश छोड़कर राजस्थान पहुंच गया. तीन दिन से बाहर घूम रहा नर चीता अग्नि सोमवार को राजस्थान के बारां जिले के कैलवाड़ा रेंज में पहुंच गया. जहां से उसे ट्रैंकुलाइज कर वापस लाया गया.

मध्य प्रदेश से पहुंचा राजस्थान

चीता अग्नि एक दिन पहले शाम तक मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की सीमा से आगे निकला और सीमा पार करके राजस्थान के केलवाड़ा इलाके के जंगल में पहुंच गया. अग्नि की लोकेशन मिलने के बाद कूनो से 20 लोगों की टीम बारां पहुंची. इसे वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर लिया, जिसके बाद उसे पिंजरे में बंद कर वापस कूनो नेशनल पार्क लाया गया है.

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरुकुराल आर ने एमपी तक से बात करते हुए बताया कि चीता अग्नि राजस्थान सीमा के जंगल में दाखिल हो गया था. उसे सुरक्षित ट्रेंकुलाइज कर लिया गया है. उसे वापस कूनो में रखा जाएगा. स्वास्थ्य जांच के बाद आगे का निर्णय ले सकेंगे.

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ऐसे की चीते की तलाश

दरअसल, अग्नि चीता को वायु चीता के साथ 17 दिसंबर को कूनो नेशनल पार्क के बोमा से खुले जंगल में छोड़ा गया था. इसके अगले ही दिन वह वायु चीता से बिछड़कर कराहल-आवदा के बीच जंगल में पहुंच गया था. अधिकारियों ने बताया कि चार दिन से उसकी लोकेशन इसी इलाके में मिल रही थी. कुछ समय बाद वह पोहरी के पास के जंगल में पहुंच गया. वन विभाग के अधिकारी उस पर लगातार निगरानी बनाए हुए थे. चीता इस बीच लगातार राजस्थान की तरफ बढ़ रहा था.

आखिर में चीता अग्नि को राजस्थान से ट्रेंकुलाइज किया गया. अब उसे कूनो नेशनल पार्क वापस लाकर बाड़े में रखने की तैयारी की जा रही है. सजा के तौर पर अग्नी की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी.

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