चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका, कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते तेजस की माैत, जानें क्या है वजह?

खेमराज दुबे

Kuno Cheetah Project: मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क चीतों के पुर्नवास की जगह उनकी कब्रगाह बनता जा रहा है. मंगलवार को एक बार फिर से एक ओर चीते की मौत हो गई. इस बार तेजस नाम के चीते की मौत हुई है. मौत की वजह उसकी गर्दन पर आई गहरी चोट […]

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Kuno Cheetah Project: मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क चीतों के पुर्नवास की जगह उनकी कब्रगाह बनता जा रहा है. मंगलवार को एक बार फिर से एक ओर चीते की मौत हो गई. इस बार तेजस नाम के चीते की मौत हुई है. मौत की वजह उसकी गर्दन पर आई गहरी चोट बनी. घायल अवस्था में उसे पार्क की मॉनीटरिंग टीम ने देखा. जब तक यह टीम और चिकित्सकों का दल इलाज शुरू कर पाता, तब तक तेजस की मौत हो चुकी थी.

नामीबिया से 8 और साउथ अफ्रीका से कुल 12 चीते कूनो नेशनल पार्क में लाए गए थे. इनमें से अब तक साशा, उदय, दक्षा और अब तेजस की मौत हो चुकी है. इसके अलावा मादा चीता ज्वाला के 3 शावकों की भी मौत हो चुकी है. इस प्रकार 4 व्यस्क चीते और 3 शावकों की मौत अब तक कूनो पार्क में हो चुकी है.

कुल 20 चीतों में से अब पार्क में 16 चीते बचे हैं. इनके अलावा मादा चीता ज्वाला का सिर्फ एक शावक अभी जिंदा है. लगातार हो रही इन चीतों की मौत के बाद कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन और पीएम मोदी के ड्रीम चीता प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों की देखरेख और कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं. आपको बता दें कि 12 चीते कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में अब तक छोड़े जा चुके हैं. जबकि 5 चीतों को छोटे बाड़े तक ही सीमित रखा गया था, तेजस भी इन्हीं में से एक था. जिसकी अब मौत हो चुकी है.

कूनो नेशनल पार्क की तरफ से बताया गया तेजस की मौत का ये कारण
11 जुलाई मंगलवार को प्रातः लगभग 11:00 बजे मॉनिटरिंग टीम द्वारा नर चीता तेजस (बोमा क्रमांक 6) की गरदन के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान देखे गए. इसकी सूचना मॉनिटरिंग टीम द्वारा पालपुर मुख्यालय पर उपस्थित वन्य प्राणी चिकित्सकों को दी गई. वन्य प्राणी चिकित्सकों द्वारा मौक़े पर जा कर तेजस चीते का मुआयना किया एवं प्रथम दृष्टया घावों को गंभीर पाया. तेजस को बेहोश कर उपचार करने हेतु अनुमति प्राप्त कर तैयारी के साथ चिकित्सकों का दल मौके पर रवाना हुआ. मौक़े पर लगभग 2 बजे नर चीता तेजस मृत पाया गया. चीता तेजस को लगी चोटों के संबंध में जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम के पश्चात मौत के कारणों का पता लगाया जा सकेगा.

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अब तक चीतों की किस तरह हुई है मौत, एक नजर में
कूनो नेशनल पार्क में 26 मार्च 2023 को नामीबियाई मादा चीता साशा की मौत किडनी संक्रमण के चलते हो गई थी तो वहीं नर चीता उदय की मौत 23 अप्रैल 2023 को कार्डियो पल्मोनिरी फेलियर के चलते मौत हो गई थी, इसके बाद दक्षा की मौत 9 मई 2023 को नर चीतो के साथ हिंसक इंट्रक्शन के चलते हो गई थी. इसके साथ ही नामीबियाई मादा चीता सियाया (ज्वाला) के 4 शावको में से एक की मौत 23 मई को जबकि तीन में से दो की मौत 25 मई को डिहाइड्रेशन से हो गई थी.

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