मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव को लेकर सीएम मोहन यादव ले सकते हैं ये बड़ा फैसला, केंद्र सरकार से हुई बात
मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा 31 मार्च को रिटायर हो रही हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार के सामने ये बड़ी चुनौती है कि अगला मुख्य सचिव किसे बनाया जाए. इसे लेकर सीएम मोहन यादव ने एक बड़ा फैसला किया है.
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Chief Secretary Veera Rana: मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा 31 मार्च को रिटायर हो रही हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार के सामने ये बड़ी चुनौती है कि अगला मुख्य सचिव किसे बनाया जाए. इसे लेकर सीएम मोहन यादव ने एक बड़ा फैसला किया है. सूत्रों के अनुसार सीएम मोहन यादव वीरा राणा को ही अगले 6 महीने के लिए एक्सटेंशन देने का मन बना चुके हैं. इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से बातचीत भी की है. जिसके बाद यह तय माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश की वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा को 6 महीने का एक्सटेंशन देकर उन्हें 30 सितंबर तक मुख्य सचिव रखा जा सकता है.
उनसे पहले मुख्य सचिव रहे इकबाल सिंह बैस पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की पसंद थे और सबसे करीब थे. इसी वजह से इकबाल सिंह बैस को 6-6 महीने का दो बार एक्सटेंशन देकर मध्यप्रदेश का मुख्य सचिव बनाए रखा गया. विधानसभा चुनाव के दौरान वे रिटायर हुए. इसके बाद वीरा राणा आईं. वे मध्यप्रदेश की सरकार के गठन से पहले मुख्य सचिव बन गई थीं और उनको निर्वाचन आयोग ने नियुक्त किया था. क्योंकि उस समय विधानसभा चुनाव की आचार संहित लगी हुई थी.
वीरा राणा को लेकर लग रहा था कि सीएम बनने के बाद मोहन यादव अपनी पसंद से मुख्य सचिव की तैनाती करेंगे लेकिन बीते कुछ महीने से लगातार दोनों साथ में काम कर रहे हैं और इस दौरान दोनों के बीच तालमेल अच्छा बैठ जाने की वजह से अब वीरा राणा का कार्यकाल बढ़ने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं. आपको बता दें कि वीरा राणा मध्यप्रदेश की दूसरी महिला मुख्य सचिव हैं और उनसे पहले सुंदरलाल पटवा सरकार में निर्मला बुच मुख्य सचिव हुआ करती थीं.
वीरा राणा के साथ जुड़ सकती है ये उपलब्धी
यदि वीरा राणा का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव सीएम मोहन यादव केंद्र सरकार को भेजते हैं और केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर मंजूरी दे देती है तो वीरा राणा मध्यप्रदेश की ऐसी 6वीं मुख्य सचिव होंगी, जिन्हें रिटायरमेंट से पहले एक्सटेंशन देकर सरकार द्वारा उनका कार्यकाल बढ़ाया गया होगा. हालांकि 1988 बैच के आईएएस संजय बदोपाध्याय को केंद्र ने प्रतिनियुक्ति को समाप्त कर उन्हें वापस मध्यप्रदेश कैडर में भेज दिया था, ताकि उनको मुख्य सचिव बनाया जा सके लेकिन फिलहाल इसके आसार कम ही नजर आ रहे हैं.
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