16वीं विधानसभा का पहला सत्र, इस बार नहीं दिखेंगे बीजेपी-कांग्रेस के ये कद्दावर नेता
नवनिर्वाचित विधानसभा का पहला सत्र 18 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. 16वीं विधानसभा में कई अलग चीजें देखने को मिलेंगी. विधानसभा का चार दिवसीय सत्र होगा, जिस दौरान नवनिर्वाचित सदस्य शपथ लेंगे और सदन के अन्य आवश्यक कामकाज निपटाए जाएंगे.
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Madhya Pradesh 16th Assembly: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. मोहन यादव को मुख्यमंत्री, वहीं जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला को डिप्टी सीएम बनाया गया है. नवनिर्वाचित विधानसभा का पहला सत्र 18 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. 16वीं विधानसभा में कई अलग चीजें देखने को मिलेंगी. केंद्रीय मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर दिखाई देंगे. इस बार भाजपा-कांग्रेस के कई कद्दावर नेता इस विधानसभा में नहीं दिखाई देंगे.
नवनिर्वाचित मध्य प्रदेश विधानसभा का पहला सत्र 18 दिसंबर से शुरू होगा. एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है. विधानसभा सत्र में 17 नवंबर के चुनाव में जीते विधायक शपथ लेंगे. अधिकारी ने कहा, यह 16वीं विधानसभा का चार दिवसीय सत्र होगा, जिस दौरान नवनिर्वाचित सदस्य शपथ लेंगे और सदन के अन्य आवश्यक कामकाज निपटाए जाएंगे. यह सत्र 21 दिसंबर को समाप्त होगा.
ये दिग्गज नेता नहीं दिखाई देंगे
पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत 12 मंत्री ऐसे हैं, जो विधानसभा चुनाव हार गए हैं. वे इस विधानसभा के अंदर नहीं दिखाई देंगे, इनमें कमल पटेल, गौरीशंकर बिसेन, सुरेश राजखेड़ा, राज्यवर्धन दत्तिगांव, भारत सिंह कुशवाह, रामखिलावन पटेल, राहुल सिंह लोधी, प्रेम सिंह पटेल, अरविंद भदौरिया और राम किशोर कांवरे का नाम शामिल है. इसके अलावा कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष रहे डॉक्टर गोविंद सिंह, जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी, लक्ष्मण सिंह, एनपी प्रजापति और पूर्व मंत्री तरुण भनोट, जैसे कई कद्दावर नेता भी नहीं दिखाई देंगे.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
18 दिसंबर से शुरू हो रहे मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहेगा. जानकारी के मुताबिक विधानसभा सदन की सुरक्षा में 1 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.
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गोपाल भार्गव प्रोटेम स्पीकर
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव को नए विधायकों को शपथ दिलाने और सदन की कार्यवाही का संचालन करने के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है. बता दें कि प्रोटेम स्पीकर को सीमित समय के लिए नियुक्त किया जाता है.
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