उत्तर प्रदेश RO-ARO भर्ती परीक्षा का पेपर भोपाल से हुआ था लीक, इंजीनियर दोस्तों ने मिलकर ऐसे किया बड़ा कांड
RO/ARO Paper Leak: यूपी RO /ARO पेपर लीक मामला सुर्खियों में है. अब इस मामले में भोपाल कनेक्शन निकलकर सामने आया है.
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RO/ARO Paper Leak: यूपी RO /ARO पेपर लीक मामला सुर्खियों में है. अब इस मामले में भोपाल कनेक्शन निकलकर सामने आया है. यूपी एसटीएफ ने पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के साथ उसके सबसे करीबी सुभाष प्रकाश और विशाल दुबे समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल इस गैंग लेडी गैंग मेंबर अभी भी फरार है. अब इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल, यूपी RO /ARO पेपर लीक के तार भोपाल से जुड़े हुए हैं.
भोपाल और प्रयागराज से लीक हुआ पेपर
यूपी एसटीएफ ने 11 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित RO /ARO भर्ती परीक्षा पेपर लीक में बड़ा खुलासा किया है. सबसे पहले पेपर दो अलग-अलग जगह से लीक हुआ. पहला, भोपाल की उस प्रिंटिंग प्रेस से जहां से पेपर की छपाई हुई और दूसरा, प्रयागराज के उस परीक्षा केंद्र से जहां परीक्षा वाले दिन सुबह पेपर पहुंचा लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले लीक हो गया.
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भोपाल प्रिंटिंग प्रेस में छपा था पेपर
यूपी एसटीएफ द्वारा भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से पेपर हासिल करने वाले गैंग के छह लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पूरा नेटवर्क सामने आ गया और कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. पेपर भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा था. पेपर लीक कराने वाला राजीव नयन मिश्रा भी जेल से छूटने के बाद भोपाल में ही रहने लगा था.
आरोपी राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसमें विशाल दुबे और प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी ने 2014-2017 में साथ में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी.
इंजीनियर दोस्तों ने मिलकर रची साजिश
सुभाष प्रकाश इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा. राजीव और विशाल दुबे बीटेक करने के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों का एडमिशन करवाने लगे. इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन के धंधे के चलते ही राजीव नयन मिश्रा और विशाल दुबे की मुलाकात सुभाष प्रकाश से हुई. राजीव के साथ काम कर रहे विशाल दुबे को पता चला उसके इंजीनियरिंग का दोस्त सुनील रघुवंशी भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करता है. विशाल ने इसकी जानकारी राजीव को दी, तो राजीव ने विशाल से कहा कि वह सुनील के संपर्क में रहे. प्रिंटिंग प्रेस में अगर कोई पेपर छपने आए तो पैसों का लालच देकर पेपर लीक करने में मदद के लिए तैयार करो.
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दोस्त को दिया पैसे का लालच और कर दिया कांड
विशाल दुबे ने सुनील रघुवंशी को कम समय में बड़ा हाथ मारने का लालच और सपना दिखाकर अपने नेटवर्क में शामिल कर लिया. जनवरी के आखिरी सप्ताह में सुनील रघुवंशी ने बताया कि एक पेपर आया है, जिसमें एक पेपर में 140 सवाल हैं और दूसरे में 60 सवाल हैं. विशाल दुबे ने इसकी जानकारी राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश को दी. राजीव और सुभाष खुद RO/ARO की भर्ती पर नजर गड़ाए थे और सुभाष प्रकाश ने खुद इसका फॉर्म भरा था तो उसे पता था कि इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान के 140 सवाल और हिंदी के 60 सवाल पूछे जाने हैं. सवालों की संख्या देखकर तय हो गया कि यह समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का ही पेपर है.
ऐसे किया पेपर लीक
बात प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लाने की हुई तो सुनील रघुवंशी ने 10 लाख रुपए की डिमांड की. साथ ही भोपाल में ही कैंडिडेट को पेपर पढ़वाने की शर्त रखी. राजीव और विशाल दुबे इसके लिए तैयार हो गए और प्लान के मुताबिक 3 फरवरी 2024 यानी परीक्षा से पूरे 10 दिन पहले सुनील रघुवंशी प्रिंटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर से ठीक करवाने का झांसा देकर 180 सवालों की खराब हो चुकी बुकलेट को वाटर बोतल में छुपा कर बाहर ले आया और पेपर घर में रख दिया.
भोपाल के होटल में इकट्ठे किए गए कैंडिडेट्स
पेपर हाथ में आ गया तो कैंडिडेट इकट्ठा किए जाने लगे और 8 फरवरी 2024 को भोपाल के होटल कोमल में सभी कैंडिडेट्स को इकट्ठा किया गया. राजीव नयन मिश्रा ने हर कैंडिडेट से 12 लाख रुपए में पेपर बेचना तय किया. 8 फरवरी को विशाल दुबे अपने अन्य दोस्त संदीप पांडे को लेकर होटल पहुंचा. सुनील रघुवंशी क्वेश्चन पेपर की 6/6 फोटो कॉपी कराकर होटल पहुंचा. विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा परीक्षार्थियों को लेकर होटल पहुंचे तो वहीं सुभाष प्रकाश गाइड और किताबों को लेकर सवालों को हल कर कैंडिडेट्स को देने के लिए पहुंचा. भोपाल से दिल्ली और प्रयागराज भेजा पेपर होटल से ही सुभाष प्रकाश ने क्वेश्चन पेपर की मोबाइल से फोटो खींचकर राजीव नयन मिश्रा को भेज दी.
ज्यादा पैसा कमाने के लालच में राजीव नयन मिश्रा ने यह पेपर प्रयागराज और दिल्ली में बैठे पेपर लीक गैंग के दूसरे नेटवर्क को भेज दिए. इस दूसरे नेटवर्क में डॉक्टर शरद पटेल, सौरभ शुक्ला, अमित सिंह, यूपी पुलिस का बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह, कामेश्वर, रवि अत्री और पुष्कर शामिल थे.
इनपुट: लखनऊ से संतोष शर्मा
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