कोर्ट रूम में गूंजे विवाह के 7 वचन और फूट-फूट कर रो पड़े कपल, जज ने कई परिवारों को उजड़ने से बचाया
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में कुछ ऐसा ही हुआ. कोर्ट रूम में शादी के 7 वचन दुहराए गए. फिर क्या था. वो पति-पत्नी जो कुछ क्षण पहले एक दूजे को देखना तक पसंद नहीं कर रहे थे, वे फूट-फूटकर रोने लगे.
ADVERTISEMENT
न्यूज़ हाइलाइट्स
अब तक 50 से ज्यादा शादियां टूटने से बच चुकी हैं.
बेमेतरा के इस कोर्ट रूम में शादी के 7 वचन दीवार पर टंगे हैं.
अग्नि का फेरा लेते हुए, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंधन में बंधते समय शायद ही कोई सोचता है कि एक दिन ये रिश्ता टूट जाएगा. एक दूजे से प्यार करने वाला जोड़ा अदालत में एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाएगा. एक दूसरे से जल्द से जल्द अलग हो जाने की बेचैनी होगी. बात-बात में एक दूसरे को गलत ठहराते हुए कपल कब तलाक के दस्तावेजों के साथ अदालत के दरवाजे पर खड़े हो जाते हैं, किसी को पता नहीं चल पाता.
पर कोर्ट में कपल को ये अहसास करा दिया जाए कि वे बड़ी भूल करने जा रहे हैं और नासमझी के चलते बंधन तोड़ रहे हैं तो क्या होगा? छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में कुछ ऐसा ही हुआ. कोर्ट रूम में शादी के 7 वचन दुहराए गए. फिर क्या था. वो पति-पत्नी जो कुछ क्षण पहले एक दूजे को देखना तक पसंद नहीं कर रहे थे, वे फूट-फूटकर रोने लगे. उनके मन में पछतावा आंखों में एक दूजे के लिए प्यार था.
ये कहानी है बेमेतरा जिले की
बेमेतरा जिले के फैमिली कोर्ट में जज नीलिमा सिंह बघेल काफी चर्चा में हैं. दरअसल जज नीलिमा सिंह ने अब तक 50 से ज्यादा कपल की शादी को टूटने से बचाया है. जो एक दूसरे से अलग होने आए थे वे अब एक दूजे के साथ खुशी-खुशी रह रहे हैं. कोर्ट रूम में शादी के मंत्र दोहराने के पीछे का तर्क ये है कि शादी के समय रीति-रिवाजों को पूरा कर दो अनजान लोगों को एक साथ रहने की कसमे खाते हैं. ये वचन इनको जोड़ने में प्रभावी साबित होते हैं.
ADVERTISEMENT
पति-पत्नी विवाद के 90% मामलों में हो जाता है तलाक
फैमिली कोर्ट तक पहुंचने वाले 90 फीसदी मामलों में तलाक हो ही जाता है. इसके बावजूद कुछ ऐसे भी प्रयास किया जा रहे हैं जिससे तलाक में कमी लाई जा सके. इस काम में बेमेतरा फैमिली कोर्ट की जज नीलिमा सिंह बघेल ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. जज नीलिमा सिंह ने कोर्ट की दीवार पर सात वचनों को फ्रेम करवाकर लगा दिया है. वे दंपतियों से सात वचन दोहराने का आग्रह करती हैं ताकि पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति, बच्चों और परिवार के प्रति जिम्मेदारी याद आ जाए.
घर एक पर अलग-अलग कमरों में रहते थे पति-पत्नी
फैमिली कोर्ट में आए एक मामले के मुताबिक शादी को 40 साल से ज्यादा समय बीत चुका था. पति-पत्नी के बीच विवाद गहराता जा रहा था. दोनों एक ही घर के अलग-अलग कमरों में रहते थे. मामला कोर्ट में पहुंचा. कोर्ट में सुनवाई के दौरान पति-पत्नी के बीच जमकर विवाद हो गया. फिर लोक अदालत में सुनवाई के दौरान जज ने उनकी काउंसलिंग करते हुए शादी के समय लिए गए उन सात वचनों को दोहराने के लिए कहा. पहली बार इसका यह परिणाम हुआ कि दोनों को अहसास हो गया कि वे अपने रिश्ते में ईमानदार नहीं थे. वे परिवार, बच्चे और एक दूसरे के प्रति कहीं न कहीं फेल नजर आ रहे थे.
ADVERTISEMENT
इनपुट: मनीष शरण
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT