बहराइच हिंसा के दो आरोपियों का हुआ एनकाउंटर, जानिए इस कांड की पूरी कहानी

अभिषेक

Bahraich Violence: बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि, 'पहले पकड़े गए दो आरोपियों की निशानदेही पर मर्डर में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के लिए जब पुलिस टीम उनके ठिकाने पर गई तो अवैध हथियारों से पुलिस पर फायरिंग की गई. जवाबी फायरिंग में दोनों सरफराज और फहीन को गोली लगी है. दोनों गंभीर रूप से घायल हैं.'

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 Bahraich Violence Latest Update
बहराइच में सोमवार को हुई हिंसा की तस्वीर
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Bahraich Violence: पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बहराइच में दो गुटों के बीच हिंसा भड़क गई. उस हिंसा रामगोपाल मिश्रा नाम के एक युवक की जान चली गई. दरअसल यह हिंसा दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकले जुलूस में दो पक्षों के बीच बवाल होने के बाद भड़की थी. रामगोपाल मिश्रा की मौत के बाद प्रदेश भर आक्रोश फैल गया. उसके आरोपियों की तलाश होने लगी. इसी बीच आज इस मामले में दो आरोपियों सरफराज और फहीन का एनकाउंटर हुआ है. उनके पैर में गोली लगी है और वो फिलहाल अस्पताल में भर्ती है. 

आइए आपको बताते हैं आखिर कैसे भड़की थी हिंसा और कौन है आरोपी? इसके साथ ही एनकाउंटर से पहले क्या हुआ इसकी पूरी टाइम लाइन क्या थी?

बहराइच एसपी ने बताई पूरी कहानी 

एनकाउंटर के बाद पकड़े गए आरोपियों को लेकर जानकारी देते हुए बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि, 'जिन पांच लोगों को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया गया है उनके नाम मोहम्मद फ़हीन (नामजद), मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज (नामजद), अब्दुल हमीद (नामजद) और मोहम्मद अफजल है.

उन्होंने बताया कि, 'पहले पकड़े गए दो आरोपियों की निशानदेही पर मर्डर में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के लिए जब पुलिस टीम उनके ठिकाने पर गई तो अवैध हथियारों से पुलिस पर फायरिंग की गई. जवाबी फायरिंग में दोनों सरफराज और फहीन को गोली लगी है. दोनों गंभीर रूप से घायल हैं.'

पुलिस अधिकारी ने बताया कि, 'हत्या में इस्तेमाल हुए अवैध हथियार को नेपाल सीमा के पास नामपाड़ा क्षेत्र में छुपा कर रखा गया था. उन्होंने बताया कि, रामगोपाल के मर्डर में उपयोग किया गया हथियार बरामद कर लिया गया है.

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कब और कैसे हुई थी हिंसा जिसमें रामगोपाल मिश्रा की गई जान 

देश में बीते दिनों दुर्गा पूजा का त्योहार मनाया गया. पंडालों में मूर्तियां स्थापित की गई. त्योहार बीत जाने के बाद उन मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है. बीते रविवार की शाम करीब छह बजे बहराइच के रेहुआ मंसूर गांव का रहने वाला रामगोपाल मिश्रा (22) दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए जुलूस में आगे-आगे चल रहा था. ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो नारेबाजी और डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई. देखते ही देखते ये कहासुनी बवाल में बदल गई. 

आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई. इस बीच गोलीबारी भी हुई जिसमें रामगोपाल गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे बहराइच मेडिकल कॉलेज लाया गया जहां उसने दम तोड दिया. रामगोपाल की मौत की खबर के बाद महराजगंज में बवाल और अधिक उग्र हो गया. 

'गलती हो गई, कभी नहीं करेंगे अपराध'

बहराइच में हुई हिंसा के जिन दो आरोपियों का एनकाउंटर हुआ है उनका एक वीडियो आया है. वीडियो में वो पुलिस के सामने अपनी गलती मानते हुए नजर आ रहे है. इसके साथ ही वो ये भी कह रहे है कि, अब कभी वो ऐसा अपराध नहीं करेंगे. जानकारी के मुताबिक आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे. और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें इस बात की जानकारी हुई जिसके बाद पुलिस ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. 

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