मणिपुर में बाढ़ का कहर! 19 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित, इन 5 तस्वीरों में देखें कैसे सेना और पुलिस कर रही है रेस्क्यू

न्यूज तक

Manipur Flood News: मणिपुर में कई दिनों हो रही बारिश ने राज्य के लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. यहां बारिश के बाद कई इलाकों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. NDRF, SDRF, राज्य पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवक राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं.

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मणिपुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को किया जा रहा है रेस्क्यू
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Manipur Flood News: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur) में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रहे है. इससे चलते राज्य के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. ऐसे में यहां रह रहे लोगों का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. राहत और आपदा प्रबंधन विभाग की ताजा अपडेट के अनुसार, अब तक 19,800 से अधिक लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

बारिश के कारण राज्य में इंफाल और ईरिल नदियों सहित कई नदियां उफान पर हैं. कई स्थानों पर नदियों के किनारों टूटने से आसपास के इलाकों में पानी भर चुका हैं. हालांकि मणिपुर नदी का जलस्तर थोड़ा कम हुआ है और चेतावनी स्तर तक आ गया है. लेकिन अभी भी ज्यादातर नदियां बाढ़ के निशान से ऊपर बह रही हैं.

3,365 घरों को पहुंचा नुकसान

बताया जा रहा है कि राज्य में अब तक 3,365 घरों को नुकसान पहुंचा है. वहीं, 1599 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 11.8 हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो चुकी है. राज्यभर में 47 स्थानों पर भूस्खलन (landslide) की खबरें भी सामने आई हैं. राहत की बात यह है कि अभी तक किसी भी तरह की मृत्यु या लापता होने की सूचना नहीं मिली है.

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37 राहत शिविर किए गए स्थापित

बाढ़ से प्रभावित लोगों को आश्रय देने के लिए प्रशासन ने  कुल 37 राहत शिविर स्थापित किए हैं. जल संसाधन विभाग के अनुसार, कैचमेंट एरिया में बारिश की तीव्रता में थोड़ी कमी आई है, जिसमें कांगपोकपी में सोमवार दोपहर 1 बजे तक 11.50 मिमी बारिश दर्ज की गई. वहीं,  इंफाल में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है क्योंकि नदियों के टूटे तट और बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है. प्रभावित इलाकों में तटबंधों की मरम्मत का कार्य लगातार पर जारी है.

मरीज और होस्टल के स्टूडेंट्स परेशान 

बाढ़ के पानी पानी ने जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (JNIMS) के ग्राउंड फ्लोर के वार्डों को प्रभावित किया है. इससे कारण मरीजों को पास के अस्पतालों जैसे रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) और अन्य जिला अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है.  इसके साथ ही JNIMS कैंपस में होस्टल में रह रहे कई स्टूडेंट्स को भी खाने-पीने की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कैंटीन बंद है और स्वच्छ पानी की भी कमी है.

लगातार जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राज्य पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवक राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं. असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर (CO-33) राधा कृष्णन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी एजेंसियां समन्वय के साथ तत्काल सहायता और राहत पहुंचा रही हैं.

उन्होंने कहा कि  "असम राइफल्स, SDRF, NDRF और राज्य एजेंसियां मिलकर किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए एक रोडमैप के साथ काम कर रहे हैं. आने वाले दिनों में भी सहयोगात्मक कोशिशें जारी रहेंगी."

प्रशासन ने लोगों से की अपील

इसके साथ ही राज्य प्रशासन के अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें.

 

फोटो और इनपुट : बेबी शिरीन

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