DK शिवकुमार के बाद रिजॉर्ट पॉलिटिक्स के नए चाणक्य रेवंत रेड्डी! झारखंड के MLAs पहुंचे हैदराबाद

रूपक प्रियदर्शी

राज्यपाल राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को 10 दिन में बहुमत साबित करने के लिए कहा है. झारखंड में जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17, लेफ्ट और आरजेडी का एक-एक विधायक है.

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Jharkhand Political Crisis: झारखंड में पिछले दिनों जमकर सियासी खेल देखने को मिला. कई दिनों की जद्दोजहत के बाद 31 जनवरी को ED ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि गिरफ्तार होने से पहले ही सोरेन ने खेल कर दिया दिया था. उन्होंने विधायकों की बैठक बुलाकर चंपई सोरेन को सत्ता सौंप दी. गिरते-पड़ते चंपई सोरेन ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली, लेकिन चंपई सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा(जेएमएम) के लिए विधायकों को बचाकर रखना अब बड़ा भारी चैलेंज बन गया है. विधायकों को बचाने के लिए अब रिसॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हो गई है.

बीजेपी से विधायकों को बचाना विपक्ष की सबसे बड़ी चुनौती

बीजेपी की बुरी नजर से बचाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक हैदराबाद भेजे गए है. हैदराबाद इसलिए क्योंकि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है. विधायक रेवंत रेड्डी की निगरानी में रहेंगे. चार्टर्ड प्लेन से 43 विधायकों को हैदराबाद भेजा गया है. विधायक हैदराबाद में तब तक रहेंगे जब तक विधानसभा में बहुमत परीक्षण का समय न आ जाए. सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए चंपई सोरेन ने एक-एक विधायक का वीडियो बनाकर राज्यपाल को भेजा तब जाकर सरकार बनाने का न्योता मिला.

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चंपई सोरेन को 10 दिन में साबित करना है बहुमत

राज्यपाल राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को 10 दिन में बहुमत साबित करने के लिए कहा है. झारखंड में जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17, लेफ्ट और आरजेडी का एक-एक विधायक है. चंपई सरकार को बहुमत को संकट नहीं है लेकिन संकट तब होगा जब विधायकों का गुट पाला बदलने या सरकार के पक्ष में वोट डालने से पीछे हटेगा. ऐसी किसी स्थिति को टालने के लिए विधायक बचाने का ऑपरेशन शुरू हुआ है.

वैसे कांग्रेस के विधायक हैदराबाद नहीं गए हैं, क्योंकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा झारखंड पहुंच रही है. जेएमएम के विधायक कांग्रेस के नहीं है. दोनों पार्टियों की दोस्ती पुरानी है. हेमंत सोरेन और चंपई सोरेन की सरकार में कांग्रेस शामिल है. दोस्ती की जिम्मेदारी उठाते हुए कांग्रेस ने जेएमएम को बचाने के लिए विधायकों को अपनी कस्टडी में लिया है.

रेवंत रेड्डी के जिम्मे हैं विधायक

रिसॉर्ट पॉलिटिक्स के लिए विधायक कहां रहेंगे, ये कांग्रेस को चुनना था. कांग्रेस ने डीके शिव कुमार की बजाय अबकी बार रेवंत रेड्डी को चुना. रेवंत रेड्डी के लिए ये किसी प्रमोशन से कम नहीं है. जितनी कामयाबी से वो इस ऑपरेशन को कामयाब करेंगे उनकी उतनी ही धाक जमेगी.

इससे पहले कांग्रेस के लिए पालनहार बने हुए थे डीके शिवकुमार

कांग्रेस की राजनीति में डीके शिवकुमार का ग्राफ तब से तेजी से चढ़ने लगा जब उन्होंने 2016 में पहली बार रिसॉर्ट पॉलिटिक्स हैंडल किया था. गुजरात में राज्यसभा के चुनाव में अहमद पटेल को जिताना था लेकिन बीजेपी ने ऐसा माहौल बनाया था कि अहमद पटेल को जिताने के लिए कांग्रेस विधायकों को बचा रखना मुश्किल था. तब डीके शिव कुमार ने सोनिया गांधई से चार्ज लिया और बीजेपी से बचा लिया कांग्रेस विधायकों को. अहमद पटेल जीत गए और डीके शिव कुमार ने बीजेपी को हरा दिया. डीके शिव कुमार कई तरह की जांच में फंसे हैं. ईडी, सीबीआई जेल की हवा तक खिला चुकी है. डीके शिव कुमार आज भी मानती है कि बीजेपी उनसे आज तक 2016 का बदला चुका रही है.

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