राहुल-नरवणे के बाद, अग्निवीर योजना पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी खोला मोर्चा!

राजू झा

केंद्र सरकार ने जून 2022 में सेना की तीन सेवाओं के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत 17 से 21 साल के युवकों को 4 सालों के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है.

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Varun Gandhi
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Agniveer Scheme: उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट से बीजेपी सांसद वरुण गांधी अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. वरुण एकबार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने ‘अग्निवीर योजना’ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. वरुण गांधी ने इस योजना को लेकर कहा हैं कि, पांच साल बाद अग्निवीर युवा गांवों में बेरोजगार घूमते हुए दिखाई देंगे. क्या ये देश और वर्दी का अपमान नहीं होगा? उन्होंने कहा कि इससे युवाओं का मनोबल गिरेगा. वरुण गांधी 7 जनवरी को दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए अग्निवीर योजना को लेकर जमकर हमला बोला और कहा कि अग्निवीर के तहत जिन युवाओं को भर्ती किया जाएगा उन्होंने निश्चित समय के बाद नौकरी से निकाल दिया जाएगा. गांवों में आकर उन्हें कोई रोजगार नहीं मिलेगा तो वो छोटे-मोटे काम करने को मजबूर होंगे.

पहले जानिए वरुण गांधी ने अग्निवीर योजना पर क्या कहा

”मैंने अग्नि वीर योजना का विरोध क्यों किया , मैं पढ़ा लिखा व्यक्ति हूं मैं अखबारों में लेख लिखता हूं, आप लोगों ने मेरे लेख भी पड़े होंगे. अग्निवीर योजना के तहत 75% लोगों को 5 साल के बाद निकला जाएगा अब मैं एक बात पूछना चाहता हूं मान लीजिए कि आपके गांव से दो युवा चले गए अग्निवीर योजना के तहत देश का नाम रोशन करने पूरे क्षेत्र के लिए सम्मान की बात है कि नहीं, अब अगर 5 साल बाद उनको निकला गया और वह वापस आते हैं गांव में और उनका कोई रोजगार न मिले, कोई सरकारी स्कूल में बर्तन मांज रहा है, कोई सफाई कर्मी का काम कर रहा है ,आर्मी की वर्दी पहन के तो कहीं ना कहीं देश का अपमान होगा कि नहीं होगा उसे वर्दी का अपमान होगा कि नहीं होगा क्या देश का मनोबल गिरेगा कि नहीं गिरेगा तो लाखों लोग जो हटाए जाएंगे क्या उनकी कोई जिम्मेदारी लेगा कि नहीं लेगा?
जनसभा को संबोधित करते हुए वरुण गांधी ने सवाल पूछा कि क्या इस तरह से इस देश और सेना की वर्दी का अपमान नहीं होगा? इससे देश के युवाओं का मनोबल नहीं गिरेगा?

वरुण गांधी ने आगे कहा कि, हम संविदा के खिलाफ नहीं है, लेकिन महंगाई के आधार पर इनका भी मानदेय बढ़ाया जाए, बीमा का लाभ मिले, स्थायीकरण हो ताकि उन्हें भी अपनी अहमियत का एहसास हो. पिछले 10 साल में 13 लाख करोड़ के ऋण माफ किए गए, इनमें से ज्यादातर कर्जा उद्योगपतियों का माफ किया गया, किसी गरीब का एक पैसा माफ नहीं हुआ. 

राहुल गांधी भी उठा चुके हैं कई सवाल

हालांकि ये पहली बार नहीं है कि जब वरुण गांधी ने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हो. इससे पहले किसान आंदोलन हो या फिर बेरोजगारी का मुद्दा, वरुण गांधी ने खुलकर अपनी बातों को सरकार के सामने रखा हैं. वहीं अग्निवीर योजना को लेकर वरुण गांधी के अलावे, उनके चचेरे भाई और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कई बार सवाल उठा चुके हैं. राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर संसद में भी कहा था, ये सरकार के द्वारा लाई गई बिना सोची समझी योजना है.

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पूर्व सेना प्रमुख नरवणे भी कर चुके हैं टिप्पणी

मनोज मुकुंद नरवणे 31 दिसंबर 2019 से 30 अप्रैल 2022 तक सेना के प्रमुख के तौर पर काम किया. उन्होंने अपने संस्मरण में बताया हैं कि, अग्निपथ योजना के लिए कई मॉडलों पर विचार किया गया था. सेना का शुरुआती विचार ये था कि इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले 75 फीसदी कर्मचारियों को सेना में ही नौकरी करते रहना चाहिए. वहीं, 25 फीसदी कर्मचारियों को अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद निकाल दिया जाना चाहिए. लेकिन सरकार ने सेना के प्रस्ताव को उलटा कर जल्दबाजी में ये इस स्कीम को लागू कर दिया.

अग्निवीर योजना को लेकर नरवणे ने अपनी किताब ‘फॉर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में कई खुलासे किए हैं. नरवणे अपनी किताब ‘फॉर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में लिखते हैं कि, ‘सैनिकों, एयरमैन और नाविकों की कम अवधि की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लागू करने के ऐलान से सशस्त्र बल चौंक गए. आर्म्ड फोर्सेस की दलील है कि चार साल के कार्यकाल के बाद बड़ी संख्या में कर्मियों को सेवा में रखा जाना चाहिए और अग्निवीरों को बेहतर वेतन दिया जाना चाहिए.  2020 की शुरुआत में प्रधानमंत्री को ‘टुअर ऑफ ड्यूटी’ स्कीम का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव के तहत अधिकारियों के लिए शॉर्ट सर्विस कमिशन के समान सीमित संख्या में जवानों को कम अवधि के लिए नामांकित किया जा सकता है. लेकिन कुछ महीने बाद ही PMO ने भारत की तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) में ऐसी भर्ती के लिए एक योजना की घोषणा की. इस बार इसे अग्निपथ योजना कहा गया और इसके तहत नियुक्त होने वाले जवानों को अग्निवीर कहा गया’.

क्या है अग्निवीर योजना ?

केंद्र सरकार ने जून 2022 में सेना की तीन सेवाओं के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी. सरकार का लक्ष्य इसके जरिए तीनों सेनाओं में सेवी की औसत उम्र कम करना था. इस योजना के तहत 17 से 21 साल के युवकों को 4 सालों के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. इनमें से 25 प्रतिशत सैनिकों की नौकरी को अगले 15 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है और बाकी बचे 75 फीसदी सैनिकों को सेवामुक्त कर दिया जाएगा.

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