जी हां बहनों और भाइयों, मैं हूं आपका दोस्त अमीन सयानी… कहानी रेडियो की इस ‘अमर आवाज’ की
पारंपरिक तौर पर कहे जाने वाले ‘भाइयों और बहनों’ के विपरीत अमीन सयानी के ‘बहनों और भाइयों’ कहने के अंदाज को लोगों ने खूब सराहा.
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Famous Radio Presenter Ameen Sayani: मशहूर रेडियो प्रेजेंटर और रेडियो पर अपने फेमस अंदाज में ‘जी हां बहनों और भाईयों’ कहने वाले अमीन सयानी की सासें आज थम गईं. 91 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उनके बेटे राजिल सयानी के मुताबिक, अमीन सयानी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था उसी दौरान रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई. अमीन सयानी के निधन पर देश प्रधानमंत्री सहित तमाम हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है. ऑल इंडिया रेडियो को जन-जन तक पहुंचाने में अमीन सयानी का बड़ा योगदान माना जाता है. उनके चर्चित शो ‘बिनाका गीत माला’ के जरिए वे घर-घर में पहचाने गए.
अमीन सयानी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा,’ रेडियो पर श्री अमीन सयानी जी की सुनहरी आवाज में एक आकर्षण और गर्मजोशी थी जिसने उन्हें पीढ़ियों से लोगों का प्रिय बना दिया. अपने काम के माध्यम से उन्होंने भारतीय प्रसारण में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने श्रोताओं के साथ एक बहुत ही विशेष जुड़ाव बनाया. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार, प्रशंसकों और सभी रेडियो प्रेमियों के प्रति संवेदना. उनकी आत्मा को शांति मिलें.
Shri Ameen Sayani Ji’s golden voice on the airwaves had a charm and warmth that endeared him to people across generations. Through his work, he played an important role in revolutionising Indian broadcasting and nurtured a very special bond with his listeners. Saddened by his…
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2024
आइए आपको बताते अमीन सयानी की कहानी, जिनकी आवाज का आज भी कायल है पूरा देश.
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रेडियो पर आवाज के जादूगर थे अमीन सयानी
सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 में मुंबई में हुआ था. अमीन सयानी का नाम रेडियो की दुनिया में उन गिने-चुने नामों में से है जिनकी आवाज ही उनकी पहचान थी. उन्होंने रेडियो की दुनिया में खूब नाम कमाया. उनकी अनोखी आवाज का जादू लोगों के दिलों में बस जाता था. उन्होंने रेडियो प्रेजेंटर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत मुंबई के ऑल इंडिया रेडियो से की थी. उनके भाई हामिद सयानी ने उन्हें यहां इंट्रोड्यूस कराया था. उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में 10 सालों तक इंग्लिश प्रोग्राम्स में भागीदारी की. इसके बाद उन्होंने देश में ऑल इंडिया रेडियो को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई.
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अमीन सयानी की पहचान बन गया था ‘जी हां बहनों और भाईयों’
रेडियो प्रेजेंटर के तौर पर अमीन सयानी ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ख्याति प्राप्त की थी. रेडियो पर उनका कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ बहुत ही चर्चित प्रोग्राम था. पारंपरिक तौर पर कहे जाने वाले ‘भाइयों और बहनों’ के विपरीत अमीन सयानी के ‘बहनों और भाइयों’ कहने के अंदाज को लोगों ने खूब सराहा. रेडियो प्रोग्राम को प्रजेंट करने की उनकी शैली अनोखी और बहुत ही मधुर थी. उन्होंने साल 1951 से अब तक लगभग 54000 से अधिक रेडियो कार्यक्रमों और 19000 से अधिक जिंगल्स का निर्माण अपनी आवाज में किया. अमीन सयानी का इतनी बड़ी संख्या में कार्यक्रम करने का रिकार्ड लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है.
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भारत सरकार ने अमीन सयानी के योगदान के लिए साल 2009 में पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा था. साल 2007 में उन्हें ‘हिंदी रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था. साल 2006 में लिविंग लीजेंड अवॉर्ड, रेडियो मिर्ची की तरफ से कान हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड (2003), इंडियन एकेडमी ऑफ एडवरटाइजिंग फिल्म आर्ट (IAAFA) की ओर से हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड (1993), लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से उन्हें साल 1992 का पर्सन ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया गया था.
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