राहुल गांधी की वजह से बंगाल की सियासी क्राइसिस से पार पाएगी कांग्रेस! ममता के संकेतों को समझिए

रूपक प्रियदर्शी

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INDIA Alliance- Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल में 42 सीटों की लड़ाई अब त्रिकोणीय हो चली है. कांग्रेस ने लड़ने के लिए 10 से 12 सीटें मांगी, तो गुस्साई ममता बनर्जी ने अलायंस से नाता ही तोड़ लिया. न किसी नेगोशिएशन की गुंजाइश रखी, न ही किसी बारगेन की. ममता ने कांग्रेस को छोड़ा लेकिन कांग्रेस ने ममता बनर्जी को नहीं छोड़ा है. आज हुई एक पत्रकार वार्ता में जयराम रमेश ने कहा कि, हमने ममता बनर्जी के लिए दरवाजे खोल रखे हैं.

कांग्रेस ने ममता के लिए दरवाजे भी खुले रखे हैं और फोन लाइन भी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में कार एक्सीडेंट में ममता के जख्मी होने पर सोनिया गांधी ने फोन करके और प्रियंका गांधी ने मैसेज भेजकर उनका हालचाल लिया था. ममता के खिलाफ हमेशा आक्रामक बयान देने वाले अधीर रंजन ने ममता के करीबी डेरेक ओ ब्रायन को विदेशी कहने पर माफी मांगी. कांग्रेस इसी लाइन पर चल रही है कि, दो पार्टियों के बीच बयानबाजियां होती रहती हैं लेकिन दोनों की लाइन एक है कि बीजेपी और विचारधारा को हराना है.

राहुल की रह पर ममता

ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के लिए कैंपेन शुरू कर दिया है. ममता ने नारा तो बीजेपी को हराने का बुलंद किया है लेकिन उनका फुटप्रिंट है राहुल गांधी वाला. जहां-जहां राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर बंगाल में गुजरे उन्हीं इलाकों में ममता ने कैंपेन का चार दिन का प्लान बनाया है. शुरूआत की है उस कूचबिहार से जहां से बंगाल में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो शुरू की थी. कूचबिहार से ममता सिलिगुड़ी, रायगंज, दक्षिण दिनाजपुर जाएंगी. उत्तर बंगाल के ऐसे ही इलाकों से राहुल गांधी गुजरे थे.

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राहुल के साथ आ सकती है ममता!

हालांकि बिहार से बंगाल में राहुल की यात्रा की दोबारा एंट्री होनी है. 30 और 31 जनवरी को राहुल की भारत जोड़ो यात्रा मालदा और मुर्शिदाबाद में होगी. तब ममता बनर्जी भी इन्हीं इलाकों में होंगी. ये चर्चा भी है कि, ममता बनर्जी राहुल गांधी से बंगाल में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मिलने का इरादा रखती है. मल्लिकार्जुन खरगे ने भी ममता को फोन करके यात्रा में शामिल होने के लिए कहा हुआ है.

अभी भी INDIA अलायंस के साथ हैं ममता

राहुल गांधी के बंगाल से बिहार पहुंचते ही ममता बनर्जी ने उन इलाकों में चार दिन का जोरदार कैंपेन शुरू किया है जहां-जहां से भारत जोड़ो यात्रा गुजरी. अलायंस टूटने के बाद भी पॉजिटिव ये है कि, ममता कांग्रेस या इंडिया गठबंधन के खिलाफ नहीं, बीजेपी के खिलाफ बोल रही हैं. नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन जाने के बाद भी ममता बनर्जी ने उम्मीद जताई कि बिहार में कांग्रेस-आरजेडी मिलकर बीजेपी को हरा सकते हैं. ममता साफ कर चुकी हैं कि उनकी शिकायत क्या है, क्यों है.

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ममता ने कांग्रेस को 2019 चुनाव के आधार पर दो लोकसभा सीटें बहरामपुर और मालदा दक्षिण देने को तैयार थी. किसी तीसरी सीट पर भी विचार करने को तैयार थी, लेकिन कांग्रेस ने जैसे ही 10-12 सीटें मांगीं, उन्होंने कांग्रेस को सलाम नमस्ते कर दिया. ममता के कड़े रूख के बाद कांग्रेस ने सीटों की मांग घटाकर 6 कर दी थी, लेकिन ममता ने कहा कि चुनाव बाद देखेंगे कि साथ हो सकते हैं या नहीं.

बीजेपी कर रही बंगाल में ‘मिशन 35’ पर काम

ममता ने ऐसे वक्त कांग्रेस से अलायंस तोड़कर अकेले जाने का फैसला किया है, जब अमित शाह ने बीजेपी के लिए बंगाल में 35 सीटें जीतने का टारगेट सेट कर दिया है. ममता बनर्जी अब हाईरिस्क जोन में हैं. कांग्रेस से दूरी बना ली. लेफ्ट के साथ पहले से छत्तीस का रिश्ता है. पिछले चुनावों में ममता बनर्जी की जीत तो जरूर हुई, लेकिन चुनावी ग्रोथ बीजेपी की बेहतर हो रही है.

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2019 के बाद ये है बंगाल की सियासत

2019 के बाद बंगाल की राजनीति तेजी से बदलने लगी है. 2019 में बीजेपी ने सबसे शानदार प्रदर्शन करते हुए 42 में से 18 सीटें जीत ली. तृणमूल कांग्रेस ने 2014 में जो 34 सीटें जीती थी वो घटकर 22 रह गईं. वोट शेयर में मामला टक्कर का बन रहा है. बीजेपी को करीब 40 फीसदी और तृणमूल कांग्रेस को करीब 43 फीसदी वोट मिले. 2021 में जीतने की बीजेपी को बड़ी उम्मीद थी लेकिन ममता बनर्जी ने जोरदार वापसी करके बीजेपी को बड़ा झटका दिया. 48 परसेंट वोट लेकर तृणमूल कांग्रेस 215 सीटें जीत गई. बीजेपी 77 पर सिमटी जरूर लेकिन उसकी सीटें 3 से बढ़कर 77 हो गई.

बंगाल में बीजेपी-तृणमूल की टक्कर

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