अब DK शिवकुमार उठाएंगे आंध्र में शर्मिला रेड्डी को जिताने का जिम्मा! नए मिशन की इनसाइड स्टोरी
कांग्रेस के पावर सेंटर केसी वेणुगोपाल उन्हें प्रचार करने के लिए अपने क्षेत्र अलाप्पुझा बुलाकर लेकर गए. अब आंध्र प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष वाई एस शर्मिला रेड्डी भी डीके को अपने चुनावी कैंपेन में प्रचार करने के लिए बुला रही हैं.
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Loksabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए कांग्रेस में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के बाद अगर किसी की सबसे ज्यादा डिमांड है तो वो कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार हैं. कर्नाटक में 28 सीटों पर चैलेंजिंग चुनाव के बाद भी डीके को प्रचार के लिए बुलाने की होड़ मची हुई है. कांग्रेस के पावर सेंटर केसी वेणुगोपाल उन्हें प्रचार करने के लिए अपने क्षेत्र अलाप्पुझा बुलाकर लेकर गए. अब आंध्र प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष वाई एस शर्मिला रेड्डी भी डीके को अपने चुनावी कैंपेन में प्रचार करने के लिए बुला रही हैं.
शर्मिला ने डीके से मांगी मदद
शर्मिला रेड्डी को पार्टी में आए ज्यादा दिन नहीं हुए हैं. कांग्रेस भी उन्होंने ऐसे समय में जॉइन की जब पार्टी की हालत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है. वाईएसएस परिवार की बेटी होने के कारण कांग्रेस ने उम्मीद लगाई है कि शर्मिला अपने भाई जगन मोहन को मात देने की टेक्नीक जानती होंगी, लेकिन इसके लिए भी शर्मिला को मदद की जरूरत है. कुछ वक्त पहले शर्मिला कांग्रेस के एक और मैच विनर रेवंत रेड्डी से मिलने गईं थी. शर्मिला ने रेवंत रेड्डी से भी आंध्र प्रदेश चुनाव में हाथ बंटाने की अपील की थी. अब बीजेपी को हराने वाले डीके शिव कुमार से भी उन्होंने अपील की है.
डीके का है टाइट शेड्यूल
डीके शिव कुमार बिजी पॉलिटिशियन हैं. कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. तेलंगाना में रेवंत रेड्डी के लिए भी बुकिंग है. डीके कम से कम 2-2 दिन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चुनाव प्रचार करने जाएंगे. वैसे शर्मिला के आने से पहले डीके का प्रोग्राम बन गया था कि वो कांग्रेस का प्रचार करने कर्नाटक से बाहर भी जाएंगे.
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डीके के वैसे भी शर्मिला रेड्डी से पारिवारिक संबंध रहे हैं. शर्मिला को कांग्रेस में लाने में डीके का रोल माना जाता है. वाईएस राजशेखर रेड्डी के जमाने से डीके के रेड्डी परिवार से नजदीकी संबंध रहे हैं. फरवरी में शर्मिला रेड्डी ने अपने बेटे की शादी की तो रिसेप्शन में डीके भी शामिल हुए थे.
26 अप्रैल और 7 मई को कर्नाटक में वोटिंग होगी. केरल में भी 26 अप्रैल को चुनाव है. आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा के लिए 13 मई को वोट डाले जाएंगे. डीके को अपने चुनाव के साथ-साथ उन राज्यों में भी जाना है जहां लगभग एक समय में चुनाव हैं.
राहुल अपने भाषणों में अक्सर भाषणों में जिक्र करते हैं कि कैसे बीजेपी ने साजिश करके संसद सदस्यता खत्म कराई थी. डीके के भाषण भी कुछ वैसे ही होने लगे हैं. डीके ये जिक्र करना नहीं भूलते कि कैसे बीजेपी ने गुजरात के राज्यसभा चुनाव में हारने पर उन्हें निशाना बनाकर फंसाया.
कांग्रेस के मैच विनर हैं डीके
कर्नाटक जीतने के बाद डीके शिव कुमार भले ही सीएम न बन पाए हो लेकिन, कांग्रेस में उनकी हैसियत मैच विनर वाली है. डीके ने असंभव से लगने वाले चुनाव में कांग्रेस को जिताकर सत्ता में बिठा दिया. अब सालभर के भीतर कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों पर चुनाव है. 2019 में कांग्रेस कर्नाटक में बुरी तरह मात खा गई थी लेकिन 2019 के मुकाबले 2024 में कांग्रेस की स्थिती काफी हद तक बदल चुकी है. डीके दावा कर रहे हैं कि कम से कम 20 सीटें कांग्रेस जीतेगी. उनका कहना है कि कर्नाटक में कोई मोदी लहर नहीं, सिर्फ कांग्रेस और 5 गारंटी की लहर है.
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डीके के भाषण से स्मृति राहुल को घेरने लगीं
स्मृति इरानी आजकल डीके शिव कुमार के केरल वाले भाषण का बार-बार जिक्र कर रही हैं. केरल में डीके ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि केरल से ही क्यों लड़ रहे हैं तो राहुल ने कहा कि केरल के लोग बहुत वफादार होते हैं. स्मृति इरानी डीके के भाषण का इस्तेमाल अमेठी को ये बताने के लिए कर रही हैं कि केरल को वफादार बताकर राहुल ने अमेठी का अपमान किया है.
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