20 साल से ज्यादा IAS रहकर काम किया अब हुए JDU में शामिल, जानिए मनीष वर्मा की कहानी

News Tak Desk

Manish Verma ने बताया कि उन्होंने पटना के लोयोला हाई स्कूल से पढ़ाई की और साइंस कॉलेज गए. वे IIT दिल्ली से पास आउट हुए और बाद में 2000 में आईएएस के लिए चुने गए. 10-12 साल तक ओडिशा में काम किया.

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Manish Verma Joins JDU: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और पूर्व आईएएस मनीष वर्मा जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए हैं. पार्टी कार्यालय में जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने मनीष वर्मा को पार्टी की सदस्यता पर्ची सौंपी. बिहार जदयू प्रमुख उमेश कुशवाहा ने दर्शकों को बताया कि मनीष वर्मा 2000 बैच के अधिकारी थे और बिहार के मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे हैं. उमेश कुशवाहा ने मनीष वर्मा को जदयू में शामिल होने पर बधाई दी.

उमेश कुशवाहा ने इस दौरान ये दावा किया कि पूर्व आईएस अधिकारी आने वाले समय में पार्टी को मजबूत प्रदान करेंगे. मनीष वर्मा को पार्टी की सदस्यता दिलाते समय पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, मंत्री विजय चौधरी और रामबचन राय मौजूद रहे. 

JDU में शामिल होने पर क्या बोले मनीष वर्मा?

जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मनीष वर्मा ने दावा किया कि सदस्यता पर्ची मिलने के बाद वह भावनाओं से अभिभूत हैं. वे पर्ची मिलने के बाद ऐसा महसूस कर रहे हैं जैसा आईएएस के लिए क्वालिफाई करने से पहले महसूस करते थे. पूर्व आईपीएस अधिकारी ने समर्थन के लिए संजय झा और जदयू के अन्य शीर्ष नेताओं का आभार व्यक्त किया. इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में संदेहास्पद डेटा पाया गया है कि वह नालंदा के निवासी है और हाथ में बोरा/झोला लेकर सरकारी स्कूलों में पढ़े हैं.

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IIT दिल्ली से पासआउट हैं मनीष

मनीष वर्मा ने बताया कि उन्होंने पटना के लोयोला हाई स्कूल से पढ़ाई की और साइंस कॉलेज गए. वे आईआईटी दिल्ली से पास आउट हुए और बाद में 2000 में आईएएस के लिए चुने गए. 10-12 साल तक ओडिशा में काम किया. उन्होंने नक्सल प्रभावित मलाहागिरी के डीएम के रूप में काम किया, जहां एक डीएम का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था.

नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की

मनीष वर्मा ने अलग राज्य के कैडर के होने के बावजूद उन्हें प्रमुख पद दिए जाने के लिए सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 20 साल से अधिक समय तक आईएएस के रूप में काम किया जिसके बाद वह पूर्णकालिक तौर पर सीएम नीतीश कुमार के पास वापस आ गए. मनीष वर्मा का दावा है, "पहले दिल में था, अब दल में हूं. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार की तारीफों के पुल बांधते हुए उन्हें एक बड़ी प्रेरणा बताया.

 

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