बिहार के पकड़उआ विवाह पर HC सख्त! लड़के वालों की जान सुखा देने वाली इस प्रथा को जानिए
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिंदू विवाह में सात फेरों के साथ-साथ दोनों की इच्छा का होना अनिवार्य है. जबरन सिंदूर लगवाने को विवाह नहीं माना जाएगा.
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News Tak: पटना हाईकोर्ट ने पकड़उआ शादी के एक मामले में अहम फैसला सुनाया है. भारतीय सेना के एक जवान की जबरन पकड़ कर शादी करने को कोर्ट ने अवैध ठहराया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिंदू विवाह में सात फेरों के साथ-साथ दोनों की इच्छा का होना अनिवार्य है. जबरन सिंदूर लगवाने को विवाह नहीं माना जाएगा.
हाईकोर्ट ने यह फैसला नवादा जिले के रहने वाले रविकांत की याचिका पर सुनाया है. रविकांत भारतीय सेना में सिपाही हैं. साल 2013 में रविकांत अपने घर नवादा छुट्टियां मनाने आए थे. रविकांत परिवार के साथ पास के जिले लखीसराय में देवी के मंदिर में पूजा करने के लिए गया था. वहीं लड़की वालों ने बंदूक की नोंक पर उसका अपहरण कर उसकी शादी करा दी. रविकांत ने शादी रद्द करने के लिए फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. साल 2020 में फैमिली कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी. उसके बाद उसने हाई कोर्ट का रुख किया था.
क्या होता है पकड़उआ विवाह
यह एक कुप्रथा है जो बिहार के उत्तर-पूर्व और मध्य-पूर्व के कुछ जिलों में फैली है. इनमें नवादा, लखीसराय, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा और सुपौल जैसे जिले शामिल हैं. इस प्रथा के मुताबिक लड़की पक्ष के लोग अपनी पसंद के किसी भी लड़के को पकड़कर जबरन उसकी शादी करा देते हैं.
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बिहार की इस प्रथा को जानने के लिए हमने बेगूसराय से छपने वाली एक मैगजीन काबर टाइम्स के उप-संपादक अपूर्व कृष्णा से बात की. अपूर्व कृष्णा ने बताया कि यह यह जितना सीधा दिखता है उतना सीधा मामला नहीं है. लड़की पक्ष के लोग ऐसे ही किसी को पकड़कर अपनी लड़की की शादी नहीं करा देते हैं. इसमें जाति वाला फैक्टर भी काम करता है. लड़की वाले अपनी ही जाति के नौजवान लड़के को पसंद करते हैं. कई मामलों में वह उनके घर हाथ मांगने भी जाते हैं. जब किसी वजह से बात नही बनती है तब लड़की वाले यह कदम उठाते हैं.
अपूर्व कृष्णा बताते हैं कि इस तरह की घटनाएं गंगा के दियारा क्षेत्र (टाल) में ज्यादा घटती हैं. दूर-दूर तक मैदान होता है जहां दूल्हे के भागने के मौके कम होते हैं. अपूर्व इसके पीछे अशिक्षा और जागरुकता को सबसे बड़ा कारण मानते हैं. वहीं भारत जैसे देश में तलाक और कानून की प्रक्रिया जटिल होने की वजह से भी इन मामलों में पीड़ितों को न्याय मिलने की गुंजाइश भी कम होती है.
बेगूसराय की एक केस स्टडी भी मिली
बेगूसराय के रहने वाले एक लड़के के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उनके चचेरे भाई ने News Tak को बताया कि एक दिन मेरा भाई बाजार में घर से 100 मीटर की दूरी पर कुछ सामान खरीदने गया था. बाजार में घात लगाए बैठे लड़की वालों ने उसे धर-दबोचा. तब उसका जनेऊ भी नहीं हुआ था. उनकी परंपरा के मुताबिक जनेऊ हुए बिना शादी नहीं हो सकती. लड़की पक्ष ने पहले उसका जनेऊ कराया फिर जबरन शादी. आज उनके दो बच्चे भी हैं.
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हमने इस परिवार की प्राइवेसी का सम्मान करते हुए उनकी पहचान जाहिर नहीं की है.
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