पप्पू यादव और PK की हुई मुलाकात, क्या बिहार की सियासत पर पड़ेगा इसका असर?

शुभम गुप्ता

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Bihar Politics: पप्पू यादव और प्रशांत किशोर के बीच कॉमन हैं तेजस्वी यादव. प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव को पसंद नहीं करते. पप्पू यादव को तेजस्वी यादव पसंद नहीं करते. बिहार की राजनीति में सनसनी मच गई जब प्रशांत किशोर की पप्पू यादव से मुलाकात हुई. पटना में हुई मुलाकात की फोटो भी वायरल की गई. पप्पू यादव ने जन अधिकार पार्टी फैन क्लब के सोशल मीडिया हैंडल से मुलाकात की फोटो जारी की. 

दोनों के बीच क्यों मुलाकात हुई?

अब सवाल पूछे जा रहा है कि प्रशांत किशोर को ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि उन्हें पप्पू यादव से मिलना पड़ गया. प्रशांत किशोर और पप्पू यादव ने इस बात पर कोई कमेंट नहीं किया कि दोनों मिले क्यों?  पप्पू यादव की सीट पूर्णिया पर चुनाव हो चुका. प्रशांत किशोर खुद चुनाव लड़े नहीं. इसलिए अटकलें ये लगी है कि 2025 में बिहार में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पप्पू और PK की मीटिंग हुई होगी. 

2020 में पप्पू यादव किसी गठबंधन में शामिल नहीं थे. तब प्रशांत किशोर ने भी जन सुराज यात्रा शुरू नहीं की थी. उस समय पप्पू यादव ने वैकल्पिक गठबंधन की चर्चा छेड़ी थी. प्रशांत किशोर, कन्हैया कुमार को साथ होने का प्रस्ताव दिया था. दोनों ने पप्पू यादव के प्रस्ताव को कोई तूल नहीं दिया. कन्हैया कांग्रेस में चले गए. प्रशांत किशोर अपनी राजनीति जमाने में व्यस्त हो गए. बात आई-गई हो गई. 

2025 विधानसभा चुनाव लड़ेंगे पीके!

प्रशांत किशोर 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसी मकसद से 2022 से बिहार के गांव-गांव, गली-गली घूम रहे हैं. इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट वाला काम उन्होंने छोड़ा हुआ है. किसी को हराने-जिताने का काम नहीं करते. प्रशांत किशोर ने कहा हुआ है कि एक बार पदयात्रा होने जाने दीजिए. ऐसा बुलेट दागेंगे कि A to Z समीकरण भी काम नहीं देगा.

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अगर पप्पू यादव के साथ प्रशांत किशोर कोई खिचड़ी पका रहे हैं तब भी ये बड़ी बात है. पप्पू यादव के बारे में प्रशांत किशोर के कोई अच्छे विचार नहीं रहे हैं. पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने पर उन्होंने तंज ही कसा था. बोले थे पप्पू यादव अगर कांग्रेस में शामिल होकर गांधीवादी की बात कर रहे हैं और ये कह रहे हैं कि कौन गांधीवादी है, कौन नहीं? इसका सर्टिफिकेट भी अगर पप्पू यादव देने लगें तो अपने आप में बहुत चिंता की बात है. 

प्रशांत किशोर की लाइन क्लियर दिख रही है वो ऐसे गठबंधन की तलाश में हैं जिसमें कांग्रेस या आरजेडी तो नहीं होगी. प्रशांत किशोर बिहार में कांग्रेस को जीरो मानते हैं. कहते हैं कांग्रेस बिहार में कहीं नहीं है. न ही उनके नेता कुछ करते दिखते हैं.

पूर्णिया सीट को लेकर राजद कांग्रेस में छिड़ी थी जंग! 

पूर्णिया सीट पर पप्पू यादव की उम्मीदवारी पर कांग्रेस-आरजेडी के बीच घमासान होते-होते बचा. चुनाव से ठीक पहले पप्पू यादव अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय कराकर कांग्रेस में आ गए. पूर्णिया से कांग्रेस का सीट मांग रहे थे लेकिन सीट चली गई गठबंधन में आरजेडी के पास. पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव में उतर गए लेकिन कांग्रेस ने पप्पू के खिलाफ कोई एक्शन तो क्या, कारण बताओ नोटिस जैसा भी कुछ नहीं किया गठबंधन के खिलाफ ताल ठोंकने के लिए.

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तेजस्वी यादव ने बीमा भारती को उतारकर पप्पू यादव को हरवाने की ठान रखी है. पप्पू यादव चाहते थे राहुल-प्रियंका पूर्णिया आकर उनके लिए प्रचार करें. राहुल, प्रियंका आरजेडी से गठबंधन और तेजस्वी के मूड का लिहाज करके पूर्णिया नहीं आए.

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