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सुरेश गोपी ने मंत्री पद छोड़ने वाली बात का किया खंडन, अपनी सफाई में कही ये बात

शुभम गुप्ता

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Suressh Gopi: केरल से भाजपा के पहले सांसद सुरेश गोपी को लेकर खबर वायरल हो रहा है कि वे मंत्री पद छोड़ना चाहता हैं. बीते दिन उन्होंने मोदी कैबनिट में मंत्री पद की शपथ ली थी. आज उनको लेकर खबर आने लगी कि वे अपने मंत्री पद को छोड़ सकते हैं. लेकिन  इसी बीच सुरेश गोपी ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें दावा किया गया है कि वह मोदी सरकार का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं और अपने मंत्री पद को छोड़ना चाहते हैं.

उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म गलत खबरें फैला रहे हैं कि मैं मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने जा रहा हूं. यह सरासर गलत है.' उन्होंने लिखा कि 'पीएम मोदी के नेतृत्व में हम केरल के विकास और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

सोशल मीडिया पर हुई थी खबर वायरल

रविवार को NDA सरकार में राज्य मंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ घंटों बाद, सुरेश गोपी के मंत्री पद से हटने की खबरें सोशल मीडिया पर आने लगीं. अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने कथित तौर पर कहा कि 'वह मंत्री पद को छोड़ना चाहते हैं और त्रिशूर के लोगों के लिए एक सांसद के रूप में काम करना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि उन्होंने फिल्में साइन की हैं और उन्हें किसी भी कीमत पर करना होगा.

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मेरा लक्ष्य एक सांसद के रूप में काम करना है. मैंने कुछ नहीं मांगा. मैंने कहा था कि मुझे इस पद की आवश्यकता नहीं है. 'मुझे लगता है, मैं जल्द ही पद से मुक्त हो जाऊंगा. त्रिशूर के मतदाताओं को कोई समस्या नहीं है. "वे इसे जानते हैं और एक सांसद के रूप में, मैं उनके लिए वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करूंगा. शपथ ग्रहण समारोह के बाद दिल्ली में एक क्षेत्रीय चैनल से बात करते हुए सुरेश गोपी ने कहा, "मुझे किसी भी कीमत पर अपनी फिल्में करनी हैं."

गोपी कार्यालय की ओर से दी गई सफाई

सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बाद में गोपी के कार्यालय ने कहा कि उन्होंने मंत्री पद छोड़ने की बात नहीं कही है. दरअसल, मीडिया के एक खास वर्ग द्वारा अफवाह फैलाई जा रही हैं. इसमें कहा गया है कि पोर्टफोलियो आवंटन के बाद सुरेश गोपी स्पष्टीकरण जारी करेंगे.

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गोपी, पार्टी के वरिष्ठ नेता जॉर्ज कुरियन के साथ, केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले केरल से एकमात्र भाजपा उम्मीदवार थे. NDA सरकार में सुरेश गोपी को शामिल करने के साथ भाजपा केरल के लिए अपनी योजनाओं के बारे में अपनी गंभीरता दिखाना चाहती है, जहां 2026 में चुनाव होने हैं. सुरेश गोपी ने वामपंथ का गढ़ रहे त्रिशूर संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की और केरल से पहले भाजपा सांसद के रूप में इतिहास रचा.

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त्रिशूर से जीतकर पहुंचे संसद

त्रिकोणीय मुकाबले में सुरेश गोपी ने सीपीआई के वीएस सुनील कुमार को 74,000 वोटों के बड़े मार्जेन से हराया. कांग्रेस ने के मुरलीधरन को त्रिशूर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था. 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान, गोपी ने 'त्रिशूर के लिए एक केंद्रीय मंत्री, मोदी की गारंटी' के नारे के साथ अपनी उम्मीदवारी का जोरदार प्रचार किया था.

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