'लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च...' लोकसभा चुनाव में BJP के प्रदर्शन पर RSS नेता सुनील आंबेकर का बयान
भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा की RSS को लेकर की गई टिप्पणी पर भी आंबेकर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'संघ लोकमत परिषद का काम करता है, सीधे चुनाव के कार्यों में नहीं लगता है और वह काम करता है. इस बार भी किया है.
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RSS: झारखंड की राजधानी रांची में कल राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रांत प्रचारकों का आखिरी दिन था. इस दौरान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च है सभी को उसके फैसले का सम्मान करना चाहिए. दरअसल उनसे बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 240 सीटें मिलने पर सवाल किया था जिसपर उन्होंने ये जवाब दिया.
'लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च'
रांची में हुए समापन समारोह में सुनील आंबेकर ने कहा कि 'लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च है और यही लोकतंत्र है. चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियां देश की जनता तक अपना संदेश पहुंचाती हैं और लोग उन संदेशों के आधार पर अपना फैसला लेते हैं. मुझे लगता है कि जनता ने अपना निर्णय ले लिया है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए'. इसके आगे उन्होंने कहा कि RSS किसी भी चुनाव-संबंधित कार्य में शामिल नहीं होता है, बल्कि RSS जनमत को आकार देना पर ध्यान देता है.
संघ सीधे चुनाव के कार्यों में नहीं लगता है- सुनील आंबेकर
भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा की RSS को लेकर की गई टिप्पणी पर भी आंबेकर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'संघ लोकमत परिषद का काम करता है, सीधे चुनाव के कार्यों में नहीं लगता है और वह काम करता है. इस बार भी किया है. दरअसल, लोकसभा चुनाव के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंडियन एक्स्प्रेस को दिए साक्षात्कार के दौरान ये कहा था कि, 'बीजेपी तेजी से आगे बढ़ रही है. अब वह उस स्थिति में पहुंच गई है कि उसे संघ यानी RSS की जरूरत नहीं है. अब बीजेपी अपने दम पर हर कार्य करने में सक्षम है. उन्होंने कहा था कि वह वैचारिक रूप से कार्य करते हैं और हम राजनीतिक संगठन के रूप में. नड्डा ने अपने इस बयान में संघ को एक वैचारिक संगठन बताते हुए बीजेपी पार्टी में हस्तक्षेप को लेकर उसकी प्रासंगिकता पर परोक्ष रूप से सवाल उठाया था.
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'बड़ी संख्या में संघ से जुड़ रहे युवा'
सुनील आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि लगातार युवा बड़ी संख्या में संघ से प्रभावित होकर RSS से जुड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संघ ने साल 2012 में 'ज्वाइन आरएसएस' का ऑनलाइन अभियान चलाया था. ये खासतौर पर उनके लिए थे जिन क्षेत्रों में संघ की सेवा नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि ऑनलाइन माध्यम के तहत हर साल लगभग 1.25 लाख लोग अलग-अलग गतिविधियों से शामिल होते हैं. जून महीने के अंत तक 66,529 लोगों ने संघ से जुड़ने के लिए आगे आए हैं.
सुनील आंबेकर ने कहा कि दशहरा 2025 तक संघ अपने 100 साल पूरे कर लेगा. संघ ने ग्रामिण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में अपने काम का विस्तार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.