इजराइल-ईरान युद्ध पर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल, सरकार को दी ये सलाह!
मिडिल ईस्ट (Middle East) में चल रहे तनाव और युद्ध को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
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मिडिल ईस्ट (Middle East) में चल रहे तनाव और युद्ध को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने भारत सरकार की चुप्पी को 'नैतिक और कूटनीतिक मूल्यों से भटकाव' बताया है. सोनिया गांधी ने द हिंदू अखबार में एक लेख लिखा है, जिसका शीर्षक है: "भारत की आवाज को सुनने के लिए अभी भी बहुत देर नहीं हुई है."
भारत की फिलिस्तीन नीति और मूल्यों को त्यागने का आरोप
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत की पुरानी और सिद्धांत-आधारित फिलिस्तीन नीति को छोड़ दिया है. उनका कहना है कि ऐसा करके भारत ने न केवल अपनी आवाज खो दी है, बल्कि अपने मूल्यों को भी त्याग दिया है.
गाजा और ईरान पर हमले: भारत की चुप्पी 'चिंताजनक'
उन्होंने अपने लेख में लिखा, "गाजा में हो रही तबाही और अब ईरान पर बिना उकसावे के हुए हमलों पर नई दिल्ली की चुप्पी चिंताजनक है. यह केवल चुप्पी नहीं, बल्कि हमारी नैतिक परंपराओं का त्याग है." सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा कि "अभी भी देर नहीं हुई है. भारत को खुलकर बोलना चाहिए, जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और तनाव कम करने के लिए हर कूटनीतिक रास्ते का इस्तेमाल करना चाहिए."
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ईरान पर इजरायल के हमले की निंदा
सोनिया गांधी ने बताया कि 13 जून 2025 को इजरायल द्वारा ईरान पर किया गया हमला गैर-कानूनी और असंवैधानिक था. उन्होंने कहा कि यह हमला दिखाता है कि एकतरफा सैन्य कार्रवाई कितनी खतरनाक हो सकती है. कांग्रेस पार्टी ने इन बमबारी और लक्षित हत्याओं की कड़ी निंदा की है.
ईरान: भारत का 'पुराना और भरोसेमंद मित्र'
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने ईरान को भारत का पुराना और भरोसेमंद मित्र बताया. उन्होंने याद दिलाया कि 1994 में ईरान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में कश्मीर पर भारत विरोधी प्रस्ताव को रोकने में मदद की थी. उन्होंने कहा कि भारत और ईरान के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंध रहे हैं.
नेतन्याहू पर निशाना और ट्रंप की आलोचना
सोनिया गांधी ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) पर भी निशाना साधा. उन्होंने उन्हें 'शांति को कमजोर करने वाला और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाला नेतृत्व' कहा. उन्होंने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने अपनी ही खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट को खारिज करते हुए ईरान को परमाणु हथियारों के करीब बताया था.
सोनिया गांधी की अपील: भारत को मुखर होना होगा
अंत में सोनिया गांधी ने फिर से अपील की, "अभी भी देर नहीं हुई है, भारत को मुखर होकर अपनी बात रखनी होगी, जिम्मेदारी से पेश आना होगा और हर कूटनीतिक माध्यम का उपयोग कर पश्चिम एशिया में बातचीत की बहाली को बढ़ावा देना होगा."