क्या कांग्रेस दोहराएगी 20 साल पहले वाला ‘सुखद संयोग’? जयराम रमेश को अब ये उम्मीद जागी
रविवार को जैसे-जैसे चार राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसढ़ और तेलंगाना की सियासी तस्वीर साफ हो रही है, कांग्रेस खेमे का निराशा और सघन हो रही है. वजह हैं चुनावी नतीजे, जहां पार्टी राजस्थान और छत्तीसगढ़ की अपनी सरकार नहीं बचा पाई है.
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Congress Hopes for 2024 Elections: रविवार को जैसे-जैसे चार राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसढ़ और तेलंगाना की सियासी तस्वीर साफ हो रही है, कांग्रेस खेमे का निराशा और सघन हो रही है. वजह हैं चुनावी नतीजे, जहां पार्टी राजस्थान और छत्तीसगढ़ की अपनी सरकार नहीं बचा पाई है. पर कांग्रेस के कुछ नेताओं को इस निराशा में भी आशा की किरण नजर आ रही है. उन्हीं नेताओं में से एक हैं जयराम रमेश. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के चीफ जयराम रमेश. उन्होंने एक्स पर एक ऐसा पोस्ट किया है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है.
2023 की हार पर क्या लिखा जयराम रमेश ने
Exactly 20 years ago, the Indian National Congress had lost the state elections in Chhattisgarh, Madhya Pradesh and Rajasthan, while winning only Delhi. But within a few months, the party bounced back and went on to emerge as the single largest party in the Lok Sabha polls and…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 3, 2023
जयराम रमेश ने लिखा कि, ‘आज से ठीक 20 साल पहले कांग्रेस दिल्ली छोड़ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में हार गई थी. लेकिन कुछ ही महीनों बाद पार्टी लोकसभा चुनावों में छलांग लगाकर इकलौती सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और केंद्र में सरकार बनाई. इसी आशा, आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और सहनशीलता के साथ कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी कर रही है. वह आगे लिखते हैं कि जुडे़गा भारत-जीतेगा इंडिया!’
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इस पोस्ट के साथ कांग्रेसी नेता आने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर पॉजिटिव नजर आ रहे हैं और अपनी जीत देख रहे हैं.
20 साल पहले यानी 2003 में क्या हुआ था?
असल में 20 साल पहले यानी 2003 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव हुए थे. आइए आपको बताते हैं कि तब क्या हुआ था.
राजस्थानः
इस चुनाव में राज्य की कुल 200 सीटों में से बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज की थी. उसे 120 सीटें हासिल हुई थीं. कांग्रेस 56 और निर्दलीय 13 और अन्य 5 सीटें हासिल कर सके थे.
मध्य प्रदेशः
2003 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने राज्य की कुल 230 सीटों में से 173 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस को 38 सीटों के साथ करारी हार का सामना करना पड़ा था. समाजवादी पार्टी 7, जीजीपी 3, बसपा 2, निर्दलीय 2 और अन्य को 5 सीटें ही हासिल हुई थीं.
छत्तीसगढ़ः
मध्य प्रदेश से अलग होने के बाद 2003 में राज्य का पहला विधानसभा चुनाव था. राज्य की कुल 90 सीटों में से बीजेपी ने 50 सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी सत्ता कायम की थी. वहीं कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा बसपा 2 और राकांपा ने भी 1 सीट हासिल की थी.
दिल्लीः
जयराम रमेश ने 2003 में जिस एक राज्य के जीतने का जिक्र किया वह दिल्ली था. उन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने राज्य की 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और 47 सीटों पर जीत दर्ज की. बीजेपी केवल 20 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी. राकांपा, जनता दल और अन्य को 1-1 सीट मिली थी.
अब करते हैं 2004 के लोकसभा चुनावों की बात जिसका जिक्र जयराम रमेश ने अपनी पोस्ट में किया है. जब कांग्रेस ने लोकसभा में सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कर केंद्र में अपनी सरकार बनाई थी.
545 सदस्यीय लोकसभा में कांग्रेस ने 145 सीटें हासिल की थीं और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. बीजेपी भी 138 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल बनी. अन्य दलों के साथ मिलकर कांग्रेस ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) बनाया. UPA ने न सिर्फ केंद्र में अपनी सत्ता कायम की बल्कि 2009 में अगला लोकसभा चुनाव भी जीता.
वैसे जयराम रमेश के ट्वीट की रिप्लाई में काफी मजे भी लिए जा रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि तब कांग्रेस के सामने ‘मोदी-शाह’ की जोड़ी नहीं थी.