Pahalgam terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले पर गुस्से से लाल हुए अजमेर दरगाह के दीवान, बोले- भूल गए 1965

चंद्रशेखर शर्मा

सैयद जैनुल आबेदीन ने आगे कहा- इनकी जड़े समूल रूप से नष्ट करो. भूल गए वो (पाकिस्तान) 1965 में लाहौर पर कब्ज किया था. ये (पाकिस्तान) दोबारा चाहते हैं.

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तस्वीर: राजस्थान तक.
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पहलगाम आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की जान जाने के बाद अमजेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज के दरगाह के दीवान काफी गुस्से में हैं. उन्होंने साफ कहा- ऐसी हरकतों के लिए इस्लाम के अंदर कोई जगह नहीं है. दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने साफ कहा- अब ये वक्त आ गया है. जहां-जहां आतंकवाद की जड़े हैं उन्हें घुसकर मारना है ताकि अब बेकसूरों और फौजियों का खून न बहे. 

सैयद जैनुल आबेदीन ने आगे कहा- इनकी जड़े समूल रूप से नष्ट करो. भूल गए वो (पाकिस्तान) 1965 में लाहौर पर कब्ज किया था. ये (पाकिस्तान) दोबारा चाहते हैं. जिस अग्रेज गवर्नर जनरल ने भारत का पार्टिशन कराया था उसका अधिकार नहीं था ये सब करने का. अब वक्त आ गया है. उसपर (पाकिस्तान पर) वापस कब्जा करने का. ये सब जिन्ना ने किया. अब दूसरा जिन्ना पैदा नहीं होगा.

गुस्से से तमतमाए सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा- हमारा कुरान, हमारे प्रॉफेट मोहम्मद हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सलम की जो तालीमात है, जो हिदायतें हैं, जो नसीयत हैं, उसके हिसाब से अगर किसी एक भी बेकसूर का खून किया जाता है तो पूरी इंसानियत का वो खून माना जाएगा. ये जो हरकत इन्होंने शर्मनाक की है इससे ना सिर्फ धर्म और मजहब बल्कि देशवासी भी बदनाम होते हैं. क्या इस्लाम इसकी तालीम देता है? नहीं देता है. 

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दरगाह के दीवान  ने आगे कहा- इन्होंने नीचता की हद कर दी है. मजहब पूछकर गोली चलाना...ये कौन सा मजहब कहता है. कहां की तालीम है ये. क्यों इस्लाम को बदनाम कर रहे हो. कम से कम अल्लहा के कहर से डरो. शर्म करो. जहां तक इस्लामिक कंट्री का सवाल है तो वहां भारत का मुकाम बड़ा है. इज्जत बड़ी है. भारत के प्रधानमंत्री का कद बड़ा है. 

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