इस सीट पर कांग्रेस के साथ हो गया खेला! पार्टी ने किया गठबंधन का ऐलान, नामांकन वापसी के वक्त प्रत्याशी हो गए गायब

Rajesh Soni

बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट और बागीदौरा विधानसभा सीट पर BAP से गठबंधन के ऐलान के बाद कांग्रेस के प्रत्याशियों ने नामांकन वापस नहीं लिया.

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लोकसभा चुनाव में हर सीट पर कांग्रेस मजबूत उम्मीदवार उतारकर या गठबंधन की संभावना खोजने में लगी हुई है. चुनाव के ऐन मौके तक कई सीटों पर उथल-पुथल नजर आ रही है. ऐसे ही बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट और बागीदौरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने बड़ा दांव चलने की कोशिश की. 7 अप्रैल की रात को कांग्रेस (Congress) प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इन सीटों पर भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) को समर्थन देने का ऐलान कर दिया.

साफ तौर पर नामांकन भर चुके दोनों कांग्रेस प्रत्याशियों को नामांकन वापस लेना था. लेकिन आज 8 अप्रैल को पार्टी के साथ खेल हो गया. खेल यह कि नामांकन वापस लेने की बजाय दोनों प्रत्याशी गायब ही हो गए और पार्टी के संपर्क में नहीं है.

प्रत्याशियों के इस कदम से कांग्रेस आलाकमान मुश्किल में फंसता दिख रहा है. जिसके बाद दोनों प्रत्याशियों को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है. इन सबके बीच राजस्थान के इस जनजाति बहुल इलाके में अब चुनाव बेहद ही रोचक और दिलचस्प होता जा रहा है. साथ ही प्रदेश प्रभारी रंधावा ने सिंबल निरस्त करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र भेज दिया है. 

पहले उम्मीदवार में उलझी और फिर गठबंधन में की देरी

बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी से राजकुमार रोत और बीजेपी से महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने नामांकन दाखिल किया. जबकि अंतिम दिन तक कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार को लेकर उलझी रही. कांग्रेस के सिंबल पर पूर्व मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया को चुनाव लड़ाने की चर्चा हुई, लेकिन नामांकन भरने के समय बामनिया की बजाय अरविंद डामोर ने नामांकन दाखिल किया. वहीं, मालवीया के इस्तीफे से खाली हुई बागीदौरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस की ओर प्रत्याशी कपूरचंद मैदान में हैं.

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इस दौरान कयास तेज हो गए कि पार्टी गठबंधन को लेकर अंतिम कोशिश कर रही है. लेकिन पार्टी ने इस मामले में देरी कर दी और नामांकन वापस लेने के ऐन मौके पर गठबंधन का ऐलान किया. फिर हुआ यूं कि नामांकन वापसी का समय बीतने तक दोपहर 3 बजे तक किसी ने भी नामांकन वापस नहीं लिया. जिसके चलते कांग्रेस पार्टी को प्रत्याशियों का निष्कासन करना पड़ा. 

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