Budget 2023: ERCP को राष्ट्रीय दर्जा नहीं देने पर भड़के गहलोत, बोले- सौतेले व्यवहार का जनता जवाब देगी

राजस्थान तक

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Union Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आम बजट 2023 पेश कर दिया. इसको लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस बार के आम बजट को जुमलों का बजट बताया है. गहलोत ने बताया कि बजट में केवल मीडिया में हेडलाइन बनाने वाले जुमलों का प्रयोग किया गया है. उन्होंने ERCP को राष्ट्रीय दर्जा नहीं देने पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया है.

सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान राज्य के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजना ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी वाजिब मांग को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया. इससे प्रदेशवासियों को काफी निराशा हुई है. जबकि चुनावों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक राज्य को उपरी भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में 5,300 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया जाना राजस्थान के प्रति मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को दिखाता है. राजस्थान की जनता इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर माकूल जवाब देगी.

क्या है ERCP परियोजना
ईआरसीपी का पूरा नाम पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project) है. ईआरसीपी का मुख्य उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान में बहने वाली चंबल और उसकी सहायक नदियों में वर्षा ऋतु के दौरान उपलब्ध अधिशेष जल का उपयोग राज्य के उन जिलों में करना है जहां पीने और सिंचाई हेतु पानी की कमी है. ईआरसीपी राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलने का मुख्य लाभ यह होगा कि इसके लिए 90% राशि केंद्र सरकार देगी. इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 40,000 करोड़ रुपए है.

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किसान एवं आमजन विरोधी है बजट: गहलोत
मनरेगा का बजट कम करने पर भी सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा है. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों के लिए मनरेगा जैसी योजना कोरोना काल में संजीवनी साबित हुई थी. इस योजना में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 का बजट प्रावधान 33 प्रतिशत (लगभग 30,000 करोड़ रुपये) कम करना साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान, एवं आमजन विरोधी है.

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सीएम गहलोत ने कहा कि इस बजट में कृषि एवं कृषक कल्याण से संबंधित बहुत सारी थोथी घोषणाएं की गई है लेकिन कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछले वर्ष से लगभग 6 प्रतिशत (लगभग 7,500 करोड़ रुपये) कम राशि का प्रावधान किया गया है. इसी प्रकार यूरिया सब्सिडी मद में गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत (लगभग 23,000 करोड़ रुपये) की कमी की गई है.

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महंगाई को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया: सीएम गहलोत
बजट पर बात करते हुए गहलोत ने बताया कि समस्त देश विगत वर्षों से मंहगाई से त्रस्त है. आम आदमी के प्रतिदिन काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन आदि की कीमतों में काफी वृद्धि हुई जिससे आम आदमी का जीवनयापन दूभर हुआ. महंगाई को कम करने के संबंध में कोई पॉलिसी स्टेटमेंट नहीं आने से आम आदमी का जीवन और भी मुश्किल होगा.

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