डॉक्टरों के विरोध और विपक्षी हमले के बीच पूर्व सीएम वसुंधरा ने CM गहलोत को दी ये नसीहत

राजस्थान तक

Right To Health Bill: राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टर्स लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को बिल के विरोध में डॉक्टर्स ने पूरे प्रदेश में ओपीडी सेवाएं बंद रखीं. इसकी वजह से मरीजों को पूरे दिन काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. अब राइट टू हेल्थ बिल को लेकर पूर्व सीएम […]

ADVERTISEMENT

डॉक्टरों के विरोध और विपक्षी हमले के बीच पूर्व सीएम वसुंधरा ने CM गहलोत को दी ये नसीहत
डॉक्टरों के विरोध और विपक्षी हमले के बीच पूर्व सीएम वसुंधरा ने CM गहलोत को दी ये नसीहत
social share
google news

Right To Health Bill: राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टर्स लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को बिल के विरोध में डॉक्टर्स ने पूरे प्रदेश में ओपीडी सेवाएं बंद रखीं. इसकी वजह से मरीजों को पूरे दिन काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. अब राइट टू हेल्थ बिल को लेकर पूर्व सीएम और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे का भी बयान आ गया है. उन्होंने कहा है कि जरूरतमंदों को इलाज की उचित सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी बीजेपी सरकार ने जब भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की, तब भी चिकित्सा संस्थानों के बहुत सारे सवाल थे. हमने इसका सरलीकरण करने के बाद लागू किया जो प्रदेश में बहुत सफल रहा.

राजे ने कहा कि जो भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना हमने शुरू की थी उसे ही आज चिरंजीवी के नाम से जाना जाता है. प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ चल रहे चिकित्सकों के आंदोलन के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की ही नहीं, कई रोगियों की भी सांसें थम गई हैं.

पूर्व सीएम ने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि ऐसे में राज्य सरकार और चिकित्सकों को चाहिए कि आपस में समन्वय स्थापित कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें. राज्य सरकार यह नहीं भूलें कि उसका दायित्व लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाना है जो वह नहीं कर पा रही है. इसलिए वह जल्द ही जनहित को ध्यान में रख कर उचित हल निकाले.

यह भी पढ़ें...

इसलिए बिल का विरोध कर रहे हैं प्रदेशभर के डॉक्टर्स
राइट टू हेल्थ बिल में आपातकाल में यानी इमरजेंसी के दौरान निजी अस्पतालों को निशुल्क इलाज करने के लिए बाध्य किया गया है. यानी अगर मरीज के पास पैसे नहीं हैं तो भी इमरजेंसी की स्थिति होने पर कोई भी हॉस्पिटल उसे इलाज के लिए इनकार नहीं कर सकता. यही वह पेंच है जिस पर पूरे राजस्थान में इस बिल का विरोध किया जा रहा है. निजी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि इमरजेंसी की परिभाषा और इसके दायरे को तय नहीं किया गया है.

यह भी पढ़ें: इमरजेंसी में पैसे नहीं होने पर हॉस्पिटल नहीं कर सकेंगे इलाज से इनकार, जानें राइट टू हेल्थ बिल का A to Z

    follow on google news
    follow on whatsapp