जयपुर: अंगूठी और घड़ी से हुई पायलट राजवीर सिंह की पहचान, अंतिम संस्कार में पहुंचीं पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान
केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) राजवीर सिंह चौहान को जयपुर में अंतिम विदाई. पत्नी दीपिका चौहान ने सेना की वर्दी में दी विदाई. दोनों जुड़वा बच्चों के थे माता-पिता हैं.
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सेना की वर्दी पहने, आंखों में आंसू लिए...ये दृश्य शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) राजवीर सिंह चौहान की पत्नी दीपिका चौहान का, जिन्होंने अपने पति को अंतिम विदाई दी. रविवार को केदारनाथ के गौरीकुंड में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए राजवीर सिंह की पार्थिव देह मंगलवार को जयपुर पहुंचा, जहां उन्हें पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
शहीद की पहचान अंगूठी और घड़ी से हुई
राजवीर का शव हादसे में बुरी तरह झुलस गया था. अंतिम दर्शन के दौरान परिजनों को उनका चेहरा नहीं दिखाया गया. उनके बड़े भाई चंद्रवीर ने अंगूठी और घड़ी से पहचान की. पुलिस ने डीएनए जांच के लिए राजवीर और चंद्रवीर दोनों भाइयों के सैंपल भी लिए हैं.
पत्नी भी हैं आर्मी अफसर, चार महीने पहले बने थे पिता
राजवीर सिंह चौहान ने भारतीय सेना में 15 वर्षों तक सेवा दी थी. वे आर्टिलरी रेजीमेंट से शुरुआत के बाद आर्मी एविएशन विंग में पायलट बने. पठानकोट में कई खतरनाक मिशन का हिस्सा भी रहे. 2024 में रिटायरमेंट के बाद वे निजी कंपनी आर्यन एविएशन से जुड़ गए थे. उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान भी भारतीय सेना में पायलट हैं और हाल ही में जुड़वा बच्चों की मां बनी हैं.
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जयपुर में नम आंखों से अंतिम विदाई
राजवीर की अंतिम यात्रा जयपुर के चांदपोल स्थित मोक्षधाम के लिए निकली, जहां सैकड़ों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे. घर पर सुबह से ही सैकड़ों रिश्तेदार, पड़ोसी और सेना के अफसर मौजूद रहे. पिता गोविंद सिंह चौहान ने रुंधे गले से कहा, “हम टूट चुके हैं, यह हमारे परिवार पर वज्र की तरह गिरा है.”
नेताओं ने जताया शोक, पूरे इलाके में शोक की लहर
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधायक बाल मुकुंदाचार्य समेत कई नेताओं ने गहरा दुख जताया. अंतिम संस्कार में भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और नम आंखों से राजस्थान के सपूत को श्रद्धांजलि दी.
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