Rajasthan: BJP सांसद का दावा- अजमेर की इस मस्जिद में जल्द गूंजेंगे संस्कृत के मंत्र

विशाल शर्मा

ADVERTISEMENT

Rajasthan: BJP सांसद का दावा- अजमेर की इस मस्जिद में जल्द गूंजेंगे संस्कृत के मंत्र
Rajasthan: BJP सांसद का दावा- अजमेर की इस मस्जिद में जल्द गूंजेंगे संस्कृत के मंत्र
social share
google news

BJP MP’s statement on Dhai Din Ka Jhopra: अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में राम मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बीच बीजेपी सांसद ने ‘ढाई दिन के झोपड़ा’ को लेकर बड़ा बयान दिया है. सांसद रामचरण बोहरा (Ramcharan Bohra) ने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब यहां संस्कृत भाषा में लिखे मंत्र गूंजेंगे. वोहरा ने ये बातें राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा की मौजूदगी में कही. गौरतलब है कि अजमेर में करीब 800 साल पुरानी मस्जिद है जिसे ‘ढाई दिन का झोपड़ा’ कहा जाता है.

जयपुर शहर से बीजेपी सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि संस्कृत विद्यालय को तोड़कर ढाई दिन का झोपड़ा बनाया गया है. दरअसल 8 जनवरी को राजस्थान विश्वविद्यायल के 78वें दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर लोकसभा सांसद रामचरण बोहरा शिरकत कर रहे थे.

इस दौरान सांसद ने मंच पर मौजूद राज्यपाल कलराज मिश्र की मौजूदगी में कहा कि ढाई दिन के झोपडे़ को बनाने के लिए वहां मौजूद संस्कृत विद्यालय को तोड़ दिया गया. अब बो दिन दूर नहीं जब एक बार फिर से यहां संस्कृत भाषा में लिखे मंत्र गूंजेंगे.

शिलालेख पर है इसका प्रमाण- सांसद

इससे पहले सासंद रामचरण बोहरा ने कहा कि ढाई दिन का झोपड़ा जो अजमेर में तीर्थगुरू पुष्कर के पास एक संस्कृत विद्यालय था. ढाई दिन के झोपडे़ का निर्माण संस्कृत विद्यालय को तोड़कर करवाया गया, जो कि सब मोहम्मद गौरी के आदेश पर किया गया. ढाई दिन के झोपडे़ के पास लगा संगमरमर का एक शिलालेख इसका प्रमाण है,जिसपर संस्कृत विद्यालय का उल्लेख है.

ADVERTISEMENT

सांसद ने इसके लिए लिखा पत्र

सांसद रामचरण बोहरा ने 9 जनवरी को संस्कृति, पर्यटन केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को भी एक लेटर लिखा है. जिसमें सांसद ने केंद्रीय मंत्री से निवेदन किया है कि ढाई दिन का झोपड़ा जो कि 12वीं सदी में महाराज विग्रहराज चौहान द्वारा देवालय और संस्कृत शिक्षण केन्द्र के रूप मे स्थापित किया गया था. उसे 1294 ई. में मोहम्मद गौरी के कहने पर कुतुबुद्दीन ऐबक ने तोड़ दिया था. यह केन्द्र वेद पुराणों का प्रसारक होने के साथ ही संस्कृत शिक्षा का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है.

ये भारतीय समाज के लिए कलंक है- बोहरा

इस्लामिक आतंक की दासता का यह चिह्न आज भी भारतीय समाज के लिए कलंक है. इसे मूल स्वरूप में परिवर्तित करने के लिये यह पत्र लिखा है. इससे महाराज विग्रहराज के लोकोत्तर व्यक्तित्व एवं कृतित्व के साथ ही पुरातन व महत्वपूर्ण संस्कृत शिक्षण केन्द्र पुनः स्थापित हो सकेगा, जो कि सनातन धर्म के संरक्षण एवं विस्तार में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा. अब सांसद के बयान के बाद सियासत गर्म है.

ADVERTISEMENT

क्या है ‘ढाई दिन झोपड़ा’

राजस्थान पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट पर एक लेख के मुताबिक मूल रूप से ‘ढ़ाई दिन का झोंपड़ा’ कहलाने वाली इमारत एक संस्कृत महाविद्यालय था. 1198 ई. में सुल्तान मुहम्मद गौरी ने इसे मस्जिद में तब्दील करवा दिया. हिन्दू व इस्लामिक स्थापत्य कला के इस नमूने को 1213 ई. में सुल्तान इल्तुतमिश ने और ज्यादा सुशोभित किया. इसका यह नाम पड़ने के पीछे एक किवंदती है कि इस इमारत को मन्दिर से मस्जिद में तब्दील करने में सिर्फ ढाई दिन लगे थे. इसलिए इसका नाम ‘ढाई दिन का झोपड़ा’ पड़ गया.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें:

Ram Temple: जिस पत्थर से बन रही राम लला की प्रतिमा उसकी कहानी दंग करने वाली!

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT