9 चेकपोस्ट, 0 जांच…और 3 मौतें, जयपुर बस हादसे ने खोली दे ट्रांसपोर्ट विभाग की पोल, हुए कई चौंकाने वाले खुलासे
Jaipur Bus Fire: जयपुर में मंगलवार को हुए स्लीपर बस हादसे ने पूरे देश की परिवहन व्यवस्था की पोल खोल दी. बिना परमिट, टैक्स खत्म और ओवरलोड बस 529 किलोमीटर तक दौड़ती रही. लेकिन किसी ने इस दौरान उसे चेक नहीं किया. बता दें कि इस हादसे में तीन लोगों की मौत और दस घायल हो गए थे.

Jaipur Bus Fire: राजस्थान के जयपुर में मंगलवार को स्लीपर बस में लगी आग की घटना ने सभी को हैरान कर दिया था. अब इस मामले ने देश में परिवहन व्यवस्था को बेनकाब कर दिया है. दरअसल, पीलीभीत से चली ये जयपुर में बिजली के हाईटेंशन तारों के संपर्क में आ गई थी. इसके बाद बस में आग लग गई थी. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं, 10 लोग घायल हो गए थे. बताया जा रहा है कि बस में हादसे के समय 50 से अधिक मजदूर सवार थे. अब इस बस को लेकर कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं. वहीं, मामले में राजस्थान सरकार ने भी एक्शन लिया था.
बस को लेकर हुए चौंकाने वाले खुलासे
जानकारी के अनुसार, पीलीभीत से चली ये बस 529 किलोमीटर का सफर कर जयपुर तक पहुंच गई थी. लेकिन, हैरानी की बात है कि बस का ऑल इंडिया परमिट 21 अप्रैल को ही खत्म चुका था. बस का 40 बार ओवरलोडिंग और हाईस्पीड में चलने की वजह से चालान हो चुका है. वहीं रोड टैक्स भी खत्म हो गया था. इसके बाद भी ये बस धड़ल्ले के सड़कों पर दौड़ रही थी.
बताया जा रहा है कि नियमों के मुताबिक बस निर्धारित उंचाई का भी उल्लंघन कर रही थी. बस में की छत में 4 फीट तक 10 सिलेंडर और लदे हुए थे और एक बाइक भी थी. बस उत्तर प्रदेश और राजस्थान से होकर गुजरी थी, इस दौरान रास्ते में 9 RTO चेक पोस्ट पड़े थे. लेकिन चौंकाने वाली बात है कि 529 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद भी इसे किसी ने चेक तक नहीं किया.
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राजस्थान सरकार का एक्शन
अब इस मामले में राजस्थान सरकार ने एक्शन लिया है और आरटीओ गौतम मिश्रा रामचंद्र और पुष्पेंद्र भारद्वाज को APO किया है. दौसा और भरतपुर के RTO को नोटिस जारी किया है. हालांकि, मामले में बिजली विभाग की लापरवाही भी सामने आई है. बताया जा रहा है कि बिजली की हाईटेंशन लाइन 19 फीट की उंचाई पर होनी थी लेकिन ये महज 15 फीट की उंचाई पर है.
क्या कहते हैं नियम?
परिवहन विभाग के कानून के अनुसार वाहन में ओवरलोड पाए जाने पर सिर्फ 6 हजार का जुर्माना लगाया जाता है. ऐसे में अक्सर बस के मालिक इसकी परवाह कम ही करते हैं. हाईटेंशन तारों के संपर्क में आने वाली इस बस को मोडिफाई करके स्लीपर बस बनवाया गया था. इसकी लंबाई और उंचाई में भी बढ़ोतरी की गई थी. साथ ही इमरजेंसी गेट भी बंद किए गए थे.
क्या था मामला?
गौरतलब है कि मंगलवार को जयपुर जिले के मनोहरपुर इलाके में एक प्राइवेट स्लीपर बस बिजली के तारों के चपेट में आ गई थी. इसके बाद इसमें भीषण आग लग गई. इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई थी और 10 घायल लोग हो गए थे. इस बस में 50 से ज्यादा मजदूर बैठे थे. बता दें कि इससे पहले जैसलमेर में भी ऐसा ही हादसा हुआ था. इसके बाद ये दूसरा हादसा है.
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