विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के लिए मुसीबत? लोकसभा चुनाव से पहले जाटों ने दी बड़ी चेतावनी

Suresh Foujdar

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Jat Reservation movement: राजस्थान (rajasthan news) में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले जाटों ने बड़ी चेतावनी दे दी है. जाट समाज ने ऐलान कर दिया है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं करेंगे. दरअसल, भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग को लेकर संघर्षरत है. इसी के चलते 7 जनवरी को आरक्षण की मांग के लिए हुंकार सभा का आयोजन किया गया था.

जिसमें भरतपुर-धौलपुर आरक्षण संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि यदि 10 दिन के अंदर मांग नहीं पूरी की गई तो 17 जनवरी से मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग के पास जाट समुदाय महापड़ाव शुरू करेगा. साथ ही चेतावनी दी गई है कि जाट समाज रेल मार्ग और नेशनल हाईवे सहित चक्का जाम करने के लिए मजबूर होगा. दरअसल, भरतपुर-धौलपुर में जाट आरक्षण की मांग पिछले 9 वर्षों से हो रही है. जबकि राजस्थान के अन्य जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में पहले से ही आरक्षण मिला हुआ है. लेकिन इन जिलों को वंचित रखा गया है.

बता दें कि इन दोनों जिलों के जाटों का ओबीसी में आरक्षण साल 2014 में खत्म कर दिया गया था. वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने साल 2017 में ओबीसी कमिशन की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर राज्य में ओबीसी आरक्षण दिया था, लेकिन केंद्र में आरक्षण नहीं मिला.

आरक्षण नहीं तो वोट नहीं!

पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा “आरक्षण नहीं तो वोट नहीं”. यदि केंद्र सरकार आरक्षण नहीं देती है तो जाट समुदाय आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए वोट नहीं देगा. भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग काफी समय से कर रहे हैं, लेकिन सरकार नहीं सुनती है.

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