करौली: डॉक्टर्स ने 5 दिन की नवजात को दी दूसरी जिंदगी, शरीर का पूरा खून बदल बचाई जान

गोपाल लाल

Karauli: करौली में पीलिया रोग की चपेट में आई 5 दिन की नवजात के शरीर का करौली जिला अस्पताल की नवीन मातृ शिशु इकाई में चिकित्सकों द्वारा पूरा रक्त बदल कर जान बचाई गई. करौली जिले में उपचार का यह पहला मामला है. रक्त बदलने के बाद अब नवजात पूरी तरह स्वस्थ है. मातृ एवं […]

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Karauli: करौली में पीलिया रोग की चपेट में आई 5 दिन की नवजात के शरीर का करौली जिला अस्पताल की नवीन मातृ शिशु इकाई में चिकित्सकों द्वारा पूरा रक्त बदल कर जान बचाई गई. करौली जिले में उपचार का यह पहला मामला है. रक्त बदलने के बाद अब नवजात पूरी तरह स्वस्थ है. मातृ एवं शिशु इकाई के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ महेंद्र मीणा ने बताया कि शिकारगंज निवासी महिला ममता ने 5 दिन पूर्व एक बालिका को जन्म दिया था.

बालिका के कमजोर और पीलिया रोग से ग्रस्त होने के कारण उसे मातृ शिशु इकाई के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया. आम तौर पर नवजातों का पीलिया का उपचार फोटो थेरेपी तकनीक से किया जाता है लेकिन नवजात बालिका में पीलिया गंभीर स्तर तक पहुंच गया. ऐसे में बालिका के शरीर से करीब 400ml पुराने रक्त को बदल कर नया रक्त चढ़ाया गया. इस तकनीक को चिकित्सकीय भाषा में डबल वॉल्यूम एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन कहा जाता है.

उपचार के बाद नवजात बालिका पूरी तरह स्वस्थ है चिकित्सक महेंद्र मीना के अनुसार शरीर में पीलिया गंभीर स्तर तक पहुंच गया था. इस कारण पीलिया का असर बालिका के दिमाग पर होने लगा था, जिससे बालिका की जान को खतरे की आशंका उत्पन्न हो गई थी. इस दौरान चिकित्सक महेंद्र मीणा के साथ चिकित्सक राजेश मीणा और चिकित्सा कर्मियों की टीम भी मौजूद रही है. चिकित्सकों के द्वारा 5 दिन की नवजात शिशु को बचाने परिजनों ने खुशी जताई और चिकित्सकों को भगवान का दूसरा रूप बताते हुए सभी चिकित्सकों नर्सिंग स्टाफ को धन्यवाद दिया है आभार जताया है.

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