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मंत्री नहीं बनाए जाने पर महंत प्रतापपुरी का छलका दर्द! मंत्रिमंडल पर दिया बड़ा बयान
Mahant Pratap Puri: राजस्थान की भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर महंत प्रतापपुरी का दर्द सामने आया है.
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Mahant Pratap Puri: भजनलाल (bhajanlal sharma) सरकार में महंत प्रतापपुरी और बाबा बालकनाथ (Baba balaknath) समेत किसी भी संत को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई. यह बात राजस्थान की जनता को गले नहीं उतर रही है. ‘राजस्थान तक’ ने पोकरण से आने वाले विधायक महंत प्रतापपुरी से इस बात को लेकर सवाल किया कि चुनाव के दौरान हिंदुत्व का कार्ड खेला गया लेकिन किसी भी संत को मंत्रिमंडल में जगह क्यों नहीं मिली? महंत प्रतापपुरी इसका गोलमोल जवाब देते रहे. उन्होंने कहा कि जो भी बने हैं समर्थक उनको ही प्रतापपुरी मानें. हालांकि, मंत्रिमंडल के निर्णय और उनकी बातों से दर्द साफ तौर पर झलक रहा था.
राजस्थान में जब बीजेपी की सरकार बनी थी. उस समय बाबा बालकनाथ का नाम सीएम की रेस में चल रहा था. क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने राजस्थान में पूरे तरीके से हिंदुत्व का कार्ड खेला था. बीजेपी ने इसके तहत किसी भी मुस्लिम को टिकट भी नहीं दिया था. जबकि तीन संतों को अलग-अलग जगह से टिकट दिया गया था. इसी के बाद समर्थक कयास लगा रहे थे कि इस बार बीजेपी की सरकार में संतों को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
जानिए क्यों नहीं मिली किसी भी संत को मंत्रिमंडल में जगह ?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कैबिनेट संतुलन बनाने के चक्कर में तीनों संतो को जगह नहीं दी गई है. बाबा बालकनाथ और महंत प्रतापपुरी का नाम तो मंत्रिमंडल में लगभग तय माना जा रहा था. लेकिन, कुछ लोगों का यह कहना है कि दोनों मीडिया ट्रायल के शिकार हो गए हैं. वहीं बालमुकुंद आचार्य लगातार अधिकारियों को फटकार लगाने के चलते मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे थे. शायद इसी वजह से तीनों ही संतों में से कोई भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाया.