Rajasthan Politics: नीतीश-नायडू से पहले गहलोत ने कर दी बड़ी मांग, पीएम मोदी से कही ये बात
देश के प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ली. साथ ही मंत्रिमंडल का गठन भी हो चुका है. हालांकि मंत्रिमंडल के सदस्यों को अब पॉर्टफोलियो देना बाकी है. वहीं, शपथग्रहण समारोह से पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक ट्वीट ने सियासी हलचल की तरफ इशारा कर दिया.
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देश के प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ली. साथ ही मंत्रिमंडल का गठन भी हो चुका है. हालांकि मंत्रिमंडल के सदस्यों को अब पॉर्टफोलियो देना बाकी है. वहीं, शपथग्रहण समारोह से पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक ट्वीट ने सियासी हलचल की तरफ इशारा कर दिया. दरअसल, गहलोत ने पीएम मोदी की शपथ से पहले राजस्थान के लिए विशेष दर्जे की मांग कर दी.
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मीडिया की खबरों से लगता है कि इस सरकार की स्थिति कमजोर होने के कारण बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलने वाला है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि विशेष राज्य के दर्जे या केन्द्र सरकार के विशेष ध्यान की सबसे पहली आवश्यकता राजस्थान को है क्योंकि हमारा राज्य सबसे बड़ा रेगिस्तानी राज्य है.
विशेष राज्य की मांग के पीछे बताई ये वजह
गहलोत ने विशेष राज्य की मांग के पीछे वजह बताते हुए कहा कि पूरे राज्य में केवल एक छोटे से हिस्से में सालभर बहने वाली नदी है और भौगोलिक स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं. राजस्थान का क्षेत्रफल देश का 10% है परन्तु पानी केवल 1% ही है. हमारे यहां गांवों के बीच दूरी इतनी ज्यादा हैं कि बिजली, पानी, सड़क समेत हर सर्विस की डिलीवरी की कॉस्ट बहुत अधिक आती है. उदाहरण के तौर पर यहां जल जीवन मिशन में पानी का एक कनेक्शन लगाने का खर्च कहीं-कहीं 20,000 रुपए से भी ज्यादा है.
साथ ही पूर्व सीएम ने कहा "हमारे यहां के कुछ जिलों का क्षेत्रफल तो देश के राज्यों से भी ज्यादा है. ऐसे में विशेष राज्य के दर्जे की हमारी पुरानी मांग कायम है. मैं मनोनीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करना चाहता हूं कि विशेष राज्य के दर्जे पर पहला हक राजस्थान का है. इसको पूरा किया जाना चाहिए." बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बिहार और टीडीपी प्रमुश चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य की मांग की है. जिसके बाद से इसे लेकर बहस भी तेज हो गई है.
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