भीलवाड़ा गैंगरेप के बाद सड़कों पर उतरी पुलिस, कांस्टेबल से लेकर एसपी ने रात 11 बजे तक किया गश्त

दिनेश बोहरा

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भीलवाड़ा गैंगरेप मामले के बाद सड़कों पर उतरा पुलिस प्रशासन, कांस्टेबल से लेकर एसपी ने रात 11 बजे
भीलवाड़ा गैंगरेप मामले के बाद सड़कों पर उतरा पुलिस प्रशासन, कांस्टेबल से लेकर एसपी ने रात 11 बजे
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Rajasthan News: भीलवाड़ा (Bhilwara News) में नाबालिग से गैंगरेप के बाद भट्टी में जलाने की घटना ने देश भर में चर्चा हैं, प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था (Bhilwara gangrape) को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस घटना के बाद जहां बीजेपी राजस्थान की बेटियों की सुरक्षा को लेकर गहलोत सरकार को घेर रही है तो अब दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार से पूरे प्रदेश में एसपी से लेकर कांस्टेबल तक को मनचलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए रात्रि के समय में सड़कों पर उतार दिया है.

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर एसपी से एएसपी, डीएसपी, कोतवाल समेत थानों के अधिकारी और कांस्टेबल तक सड़कों पर फ्लैग मार्च कर पूरे जिले में रात्रि के समय नाकाबंदी कर आने जाने वालों से गहनता से पूछताछ कर रहे हैं. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत के गृह जिले जोधपुर से लगाकर राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में रेप, गैंग रेप की घटनाओं ने गहलोत सरकार की जबरदस्त तरीके से फजीहत करा दी है. इसके बाद पुलिस मुख्यालय के ओर से शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक पूरी पुलिस को सड़कों पर उतार दिया गया है.

महिलाओं की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगी सरकार

शनिवार दोपहर को ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि प्रदेश में बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं करेगी. मनचलों का प्रदेश की पुलिस ढंग से इलाज करेगी. सीएम के इस बयान के बाद पुलिस मुख्यालय जयपुर ने आदेश जारी कर प्रत्येक जिले के एएसपी, सर्किल इंस्पेक्टर्स यहां तक कि एसपी को भी सड़कों पर गश्त पर उतार दिया है. सरकार की मंशा है कि इससे रात 11 बजे तक प्रदेश में बढ़ते अपराध पर शिकंजा कसा जा सकेगा.

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कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकेगा

बाड़मेर एसपी दिगंत आनंद के मुताबिक सांयकालीन गश्त का पूर्व में भी प्रावधान था. फिर से पुलिस महानिदेशक जयपुर के आदेश पर गश्त का प्रारूप लाया गया है. शाम 7 बजे से लेकर रात 11 बजे तक पुलिस थानों के अधिकारी, डीएसपी, एएसपी समेत समस्त अधिकारी गश्त पर रहेंगे. इससे अपराध में कमी आएगी. इसके साथ पुलिस के ढांचे को मजबूत करने के साथ कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकेगा.

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