राजस्थान पंचायत-निकाय चुनाव पर सस्पेंस: आयोग को नहीं पता कब होंगे चुनाव, सरकार पर टालमटोल के आरोप

न्यूज तक

Rajasthan Panchayat Chunav Kab: राजस्थान में पंचायती राज और नगरीय निकाय चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राज्य निर्वाचन आयोग खुद इस बात की जानकारी नहीं दे सका है कि ये चुनाव कब होंगे.

ADVERTISEMENT

Rajasthan Panchayat Elections
Rajasthan Panchayat Elections
social share
google news

Rajasthan Panchayat Chunav Kab: राजस्थान में पंचायती राज और नगरीय निकाय चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राज्य निर्वाचन आयोग खुद इस बात की जानकारी नहीं दे सका है कि ये चुनाव कब होंगे. आयोग ने बताया कि चुनावों को लेकर परिसीमन और पुनर्गठन का काम अभी सरकार के स्तर पर प्रक्रियाधीन है, इसी कारण चुनाव तय समय पर नहीं हो सके हैं.

6 हजार से ज्यादा पंचायतों का कार्यकाल खत्म

प्रदेश की 6,000 से अधिक पंचायती राज संस्थाएं और 50 से अधिक नगर निकायों का कार्यकाल पूरा हो चुका है. जनवरी 2025 में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया था. ऐसे में चुनाव न होने की स्थिति में सरकार ने सरपंचों को प्रशासक नियुक्त कर दिया था. यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने सरकार व आयोग से चुनाव की संभावित तिथि बताने को कहा.

आयोग ने आरटीआई में क्या जवाब दिया?

एक आरटीआई के जवाब में राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि पंचायतों और निकायों के आगामी आम चुनावों के बारे में जानकारी फिलहाल नहीं दी जा सकती. क्योंकि परिसीमन और पुनर्गठन का कार्य राज्य सरकार कर रही है और यह अभी पूरा नहीं हुआ है. इसलिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले कुछ भी बताना संभव नहीं है.

यह भी पढ़ें...

जानबूझकर चुनाव टालने के आरोप

आरटीआई एक्टिविस्ट और कांग्रेस प्रवक्ता संदीप कलवानिया ने आरोप लगाया कि सरकार चुनाव को जानबूझकर टाल रही है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243 (E) और 243 (U) के तहत पंचायतों और निकायों का कार्यकाल 5 साल तय है, और उसके बाद चुनाव अनिवार्य हैं. लेकिन सरकार पुनर्गठन के नाम पर देरी कर रही है.

मनमाने ढंग से हो रहा पुनर्गठन?

कलवानिया ने यह भी कहा कि वर्तमान में जो सीमांकन और पुनर्गठन किया जा रहा है, उसमें कई जगह नियमों की अनदेखी की जा रही है. कुछ क्षेत्रों में राजनीतिक लाभ के लिए मनमाने ढंग से नक्शे बदले जा रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर विरोध भी सामने आ रहा है.

हाईकोर्ट ने तीन बार मांगा जवाब

याचिकाकर्ता के वकील प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि हाईकोर्ट सरकार और आयोग से तीन बार चुनाव की तारीख पूछ चुका है, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया. आयोग का कहना है कि उसने कई बार सरकार को पत्र लिखकर परिसीमन और आरक्षण से जुड़ी जानकारियां मांगी हैं, पर सरकार ने अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान में कब होंगे पंचायत चुनाव? भजनलाल सरकार ने हाईकोर्ट को दी पूरी जानकारी

    follow on google news
    follow on whatsapp