Rajasthan: नागौर में छिड़ा सियासी संग्राम, मिर्धा बनाम बेनीवाल परिवार में खींची जुबानी तलवारें, बयानों से पार हुई हदें

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Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी पारा बढ़ता जा रहा है. नागौर (Nagaur) जिले की राजनीति में सियासी पर पूरी तरह से हाई हो चुकी है. नेता एक दूसरे को भगोड़ा तक कहने लगे हैं. नागौर जिले की राजनीति में अब ऐसा लग रहा है कि जिले की पूरी राजनीति मिर्धा […]

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Rajasthan: नागौर में छिड़ा सियासी संग्राम, मिर्धा बनाम बेनीवाल परिवार में खींची जुबानी तलवारें, बयानों
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Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी पारा बढ़ता जा रहा है. नागौर (Nagaur) जिले की राजनीति में सियासी पर पूरी तरह से हाई हो चुकी है. नेता एक दूसरे को भगोड़ा तक कहने लगे हैं. नागौर जिले की राजनीति में अब ऐसा लग रहा है कि जिले की पूरी राजनीति मिर्धा बनाम हनुमान बेनीवाल (Mirdha vs Beniwal) परिवार बन चुकी है.

नागौर में मिर्धा बनाम बेनीवाल परिवार दोनों तरफ से मोर्चा खोले हुए हैं. हनुमान बेनीवाल व रिछपाल मिर्धा दोनों आमने-सामने हैं. आरएलपी की सत्ता संकल्प यात्रा के दौरान सोमवार देर शाम को हनुमान बेनीवाल ने डेगाना में भाषण देते हुए रिछपाल मिर्धा को भगोड़ा कह दिया था. बेनीवाल यहीं पर नहीं रुके.

रिछपाल बनाम हनुमान बेनीवाल

बेनीवाल ने कहा कि आरएलपी डेगाना में ऐसा प्रत्याशी उतारेगी, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. मिर्धा परिवार को उन्होंने भगोड़ा कहकर डेगाना में मिर्धाओं की किरकिरी करने की कोशिश की. हाल ही में वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए रिछपाल मिर्धा भी कहां रुकने वाले. रिछपाल मिर्धा ने तो हनुमान बेनीवाल पर ऐसे-ऐसे निशाने साधे कि जिले भर में लोग चर्चाएं भी करने लगे हैं . रिछपाल मिर्धा ने मंगलवार को बयान देते हुए कहा कि भगोड़े वह नहीं बल्कि हनुमान बेनीवाल है . मिर्धा ने कहा कि उनका डेगाना में घर है और वे 35 साल से डेगाना के वोटर हैं, जबकि हनुमान बेनीवाल नागौर विधानसभा क्षेत्र के बारणगांव के वोटर हैं और वह चुनाव लड़ते हैं खींवसर विधानसभा से, ऐसे में भगोड़ा तो वे खुद हैं. मिर्धा यहीं पर नहीं रुके .

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302 के मामले में बचाया था बेनीवाल को

मिर्धा ने कहा कि हनुमान बेनीवाल अपने भाषणों में दुनिया भर की बातें करते हैं, लेकिन 302 के उसे मामले का कभी जिक्र क्यों नहीं करते, वो यह क्यों नहीं बताते की 302 के उस मामले में हनुमान बेनीवाल की मदद किसने की थी. रिछपाल मिर्धा ने कहा कि उन्होंने हनुमान बेनीवाल को 302 के मामले से निकला. तब जाकर हनुमान बेनीवाल चुनाव लड़ने लायक हुए. साथ ही पिछले लोकसभा चुनाव का भी जिक्र किया और कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल उनके घर आए थे. मेरे और मेरी पत्नी के पैर पकड़े और आशीर्वाद लिया और हमने मदद की थी. रिछपाल मिर्धा ने करीब 25 साल पुराने हत्या के मामले का जिक्र कर जिले में नई सियासी हलचल पैदा कर दी है.

बजरी माफिया के झगड़े पर भी बोले मिर्धा

पिछले महीनों रियां बड़ी क्षेत्र में बजरी माफिया के झगड़े में एक युवक की हत्या हुई थी. उस मामले में भी रिछपाल मिर्धा ने कहा कि बजरी का यह पूरा झगड़ा भी हनुमान बेनीवाल की देन है. बेनीवाल कहते हैं कि आरएलपी युवाओं को नेता बनने की फैक्ट्री है, जबकि आरएलपी युवाओं को बिगड़ने की फैक्ट्री बनी हुई है.

खुला ऐलान कर दिया रिछपाल मिर्धा ने

रिछपाल मिर्धा ने कहा कि मैं गांव-गांव जाकर हनुमान बेनीवाल के खिलाफ चुनाव प्रचार करूंगा और उनके कामों के बारे में जाट समाज को बताऊंगा. कुल मिलाकर रिछपाल मिर्धा व हनुमान बेनीवाल पूरी तरीके से आमने-सामने हो चुके हैं.

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