50 हजार से 1 लाख तक में फर्जी डिग्री लेकर लग जाते थे सरकारी नौकरी! अब SOG ने लिया बड़ा एक्शन
SOG Action in Fake Degree: राजस्थान पुलिस की पकड़ में आए OPJS यूनिवर्सिटी के संस्थापक ने फर्जी डिग्री के मामले में कई बड़े राज खोले हैं.
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Fake Degree Racket in Rajasthan: राजस्थान में पैसे लेकर फर्जी डिग्री (Fake Degree Case) देने के मामले में SOG ने शुक्रवार को बड़ा एक्शन लिया. SOG ने 2 प्राइवेट यूनिवर्सिटी के संस्थापक, संचालक और रजिस्ट्रार को गिरफ्तार किया है. ये सब 50 हजार से एक लाख रुपए तक लेकर लोगों को फर्जी डिग्री देते थे. फिर इस फर्जी डिग्री की बदौलत कई लोग राजस्थान (Rajasthan Crime News) के अलग-अलग सरकारी विभागों में नौकरी पर भी लग गए. अब एसओजी की टीम फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी में आए लोगों तक पहुंचने में लगी है.
दरअसल, राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने फर्जी डिग्री के मामले में चूरू के राजगढ़ में सनराइज यूनिवर्सिटी व एमके यूनिवर्सिटी के मालिक जितेंद्र यादव और ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संस्थापक जोगेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है. वहीं जोगेंद्र की महिला मित्र ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार रही सरिता कड़वासरा को भी रोहतक में हिरासत में लिया गया है. इनके लिए दलालों का एक पूरा नेटवर्क काम करता है जिन्होंने राजस्थान से लेकर बिहार और उत्तर भारत के कई राज्यों में फर्जी डिग्री बेचने का जाल बिछा रखा है.
फर्जी डिग्री के सहारे ऐसे होता था खेल
एसओजी के डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि फर्जी डिग्री गिरोह से जुड़े बदमाश बिना डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को किसी भी परीक्षा में आवेदन करवा देते हैं. फिर वह परीक्षा देता है या उसकी जगह डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करवाई जाती है. परीक्षा पास होने पर अभ्यर्थी को फर्जी डिग्री मुहैया करवाकर नौकरी लगवा दी जाती है और बदले में मोटी रकम वसूल की जाती है.
पीटीआई भर्ती में 1300 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन में जानकारी दी कि उनके पास ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की बीपीएड की डिग्री है. जबकि इस विश्वविद्यालय में बीपीएड की महज 100 सीट हैं. ऐसे में पीटीआई भर्ती में 80 से ज्यादा चयनित अभ्यर्थियों के पास ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्री मिली तो संदेह हुआ. ऐसे में एसओजी ने स्पेशल ऑपरेशन चला इन्हें गिरफ्तार कर लिया. अब PTI में चयनित सभी अभ्यर्थी जांच के घेरे में हैं.
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पुराने रिकॉर्ड खंगाले तो हैरान रह गई SOG की टीम
एसओजी ने रेड के दौरान ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से पीटीआई की पुरानी डिग्रियों से संबंधित रिकॉर्ड मांगा तो रिकॉर्ड जलने का हवाला दिया गया. जांच में यह भी सामने आया है कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में 15 से ज्यादा कोर्स के संचालन का दावा किया जाता है. जबकि इनके पास स्टाफ की संख्या महज 27 हैं. इनमें से भी 8-9 लोग नॉन टीचिंग स्टाफ हैं. शातिर बदमाश फर्जी डिग्री के नाम पर युवाओं से धोखाधड़ी भी करते हैं. एक बार कोई सौदा तय होने के बाद ये ज्यादा रुपए की डिमांड करते और ज्यादा रुपए नहीं देने पर डिग्री नहीं देते थे.
यही नहीं, आरोपी फर्जी डिग्री के साथ ही फर्जी खेल प्रमाण पत्र भी मुहैया करवाते थे. हालांकि खेल प्रमाण पत्र के लिए किसी कॉलेज का स्टूडेंट होना जरूरी है. इसके बाद आरोपी फर्जी तरीके से अभ्यर्थी को अपनी यूनिवर्सिटी में दाखिला देकर बदले में धनराशि लेकर उसके नाम पर खेल प्रमाण पत्र जारी करवा देते थे. इसके चलते फर्जी डिग्री और प्रमाण पत्र लेकर बड़ी संख्या में कई लोगों ने सरकारी नौकरी हासिल की है, जिन पर एसओजी अब शिकंजा कसने की तैयारी में है.