Rajasthan election 2023: मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर वोटिंग % बढ़ा, किस पार्टी का बिगड़ेगा खेल?

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Rajasthan election 2023: राजस्थान चुनाव (Rajasthan election 2023) मे इस बार ध्रुवीकरण भी कहीं ना कहीं नजर आया. करीब 10-12 ऐसी सीटें हैं, जहां मुस्लिम समुदाय की तादाद अच्छी खासी है. जानकारी के मुताबिक बीजेपी (bjp) ने ऐसी सीटों के लिए खास तौर पर रणनीति बनाई थी. इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के […]

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Rajasthan election 2023: राजस्थान चुनाव (Rajasthan election 2023) मे इस बार ध्रुवीकरण भी कहीं ना कहीं नजर आया. करीब 10-12 ऐसी सीटें हैं, जहां मुस्लिम समुदाय की तादाद अच्छी खासी है. जानकारी के मुताबिक बीजेपी (bjp) ने ऐसी सीटों के लिए खास तौर पर रणनीति बनाई थी. इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा और रोड़ शो के जरिए मतदाताओं को साधने का करवाया गया था. बीजेपी ने 3 सीटों पर संतों को प्रत्याशी के तौर पर मौका दिया. नतीजा यह हुआ कि इन सीटों पर वोटिंग प्रतिशत में 5 फीसदी तक इजाफा हुआ.

यह इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि ध्रुवीकरण का असर अब तक उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिहार, पश्चिमी बंगाल, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में ही दिखता था. जिसके चलते इन राज्यों के कई विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत भी बढ़ा, लेकिन पहली बार राजस्थान में ऐसा देखने को मिला.

ये हैं मुस्लिम बाहुल्य सीटें

किशनपोल, हवामहल, आदर्शनगर, सिविल लाइंस, टोंक, मकराना, डीडवाना, तारानगर, चूरू, नागौर, फतेहपुर, अजमेर उत्तर, मांडल, कामां, नसीराबाद, नगर, रामगढ़, कामां, पोकरण, जैसलमेर, शिव, तिजारा, सवाईमाधोपुर, मालपुरा, पुष्कर, मसूदा, कोटा उत्तर, लाडपुरा, झुंझुनूं आदि वो सीटें हैं, जिन्हें मुस्लिम बाहुल्य सीटों में माना जाता हैं. सबसे ज्यादा चर्चा इनमें जिन तीन सीटों की रही, उसमें हवामहल, तिजारा और पोकरण थी. जहां बालमुकुंद आचार्य, सांसद बाबा बालकनाथ और प्रतापपुरी को बीजेपी ने टिकट दिया.

पोकरण में सबसे ज्यादा मतदान

जैसलमेर की पोकरण सीट पर वर्ष 2018 में यहां 87.50 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार यह आंकड़ा 87.79 प्रतिशत रहा. यह राजस्थान में सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत है. यहां कांग्रेस से अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद और भाजपा से संत प्रतापपुरी मैदान में हैं. जबकि हॉट सीट तिजारा पर बीजेपी ने अपना खाता खोलने के लिए इस बार बाबा बालकनाथ को मौका दिया. हिन्दुवादी चेहरे के रूप में पहचाने जाने वाले बालकनाथ के सामने कांग्रेस ने इमरान खान को टिकट दिया. इसके अलावा हवामहल पर बाबा बालमुकुंद आचार्य के सामने कांग्रेस से आर. आर. तिवाड़ी मैदान में थे.

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डीडवाना में बीजेपी के बागी ने बिगाड़ा खेल!

नागौर जिले की इस सीट को मुस्लिम, राजपूत और जाट बहुल माना जाता है. इस सीट पर मुकाबला इसलिए भी रोचक हो गया क्योंकि यूनुस खान ने बीजेपी से बगावत कर चुनाव लड़ा. जबकि बीजेपी से जितेन्द्र सिंह जोधा और कांग्रेस से चेतन डूडी मैदान में हैं. साल 2018 में 71.30 प्रतिशत के मुकाबले इस बार 73.45 फीसदी वोट पड़े. भीलवाड़ा जिले की मांडल सीट पर भी कुछ ऐसा ही हाल है. जहां कई बार साम्प्रदायिक तनाव की घटनाएं हुई हैं. यहां से कांग्रेस के रामलाल जाट खड़े हैं, जो राजस्व मंत्री भी हैं. उनके सामने बीजेपी ने नए चेहरे उदयलाल भडाना को उम्मीदवार बनाया है. यहां 2018 में 77.61 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस वर्ष 81.51 प्रतिशत मतदान हुआ है.

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