पायलट ने गहलोत के खिलाफ फिर खोला मोर्चा तो भड़के रंधावा, बोले- मुझसे बात तो करते
With whom is the high command in the fight between Gehlot and Pilot?
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किसी को अंदाज़ा भी नहीं था सचिन ….सौ सुनार की और लुहार की वाली कहावत को इस तरह से चरितार्थ करने वाले हैं…जयपुर में पायलट ने पीसी की, और बीजेपी के साथ अपनी भी सरकार को एक ही तराजू में तोल डाला। साढे चाल साल सचिन पायलट सब्र का जो घूंट पीकर इतने शांत बैठे थे, वही पायलट जब खुलकर बोले तो सियासी जलजला आ गया। पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बस निशाने पर अपने सीएम अशोक गहलोत ही रहे। जयपुर में सचिन पायलट….सीएम अशोक गहलोत पर आरोपों की बौछार कर रहे थे, पायलट की ये बात दिल्ली में बैठे नेता भी सुन रहे थे, किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि अचानक ऐसा क्या हो गया, जो शांत रहने वाले सचिन इतने आक्रामक हो गए…कांग्रेस के नेताओं को तब और डर लगने लगा, जब पायलट ने ऐलान किया कि 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबाफूले की जयंती पर जयपुर के शहीद स्मारक तक धरना देंगे, अनशन करेंगे और जनता के मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करेंगे। ये बात सुनकर ही तमाम नेता हिल गए….पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश की ओर से ये कहा गया कि अशोक गहलोत जी ने तो राजस्थान में बहुत अच्छा काम किया है, सरकार की योजनाओं की जयराम ने जीभर तारीफ की। तो वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के हाथ पांव भी फूल गए…क्यों कि जिस टूटे तार को जोड़ने के लिए रंधावा जी को राजस्थान भेजा गया था, वो दोनों तार अब नॉर्थ और साउथ पोल बन चुके हैं, गहलोत ना तो पायलट को देखना चाहते हैं, ना ही पायलट को…ऐसे में स्थिति बड़ी असमंजस वाली बन गई है, रंधावा जी अब कहते फिर रहे हैं कि सचिन जी ने पीसी कर बड़ी जल्दबजी कर दी, बकौल रंधावा पायलट और गहलोत के बीच बीस से ज्यादा मीटिंग्स हो चुकी हैं, तब पायलट ने अपनी बात सीएम से क्यों नहीं कही, रंधावा जी ने पायलट के लिखे दोनों खतों का संज्ञान भी लिया है। पायलट की ओर से सीएम गहलोत को लिखे गए 28 मार्च 2022 और 2 नवंबर 2022 के दोनों लेटर भी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गहलोत से देखने के लिए मांगे हैं।
With whom is the high command in the fight between Gehlot and Pilot?