प्रतापगढ़: पति और भाई ने मिलकर किया महिला का खौफनाक कत्ल, पूरी कहानी सुन खड़े हो जाएंगे रोंगटे!
प्रतापगढ़ (Pratapgarh crime news) में मर्डर की ऐसी दर्दनाक कहानी सामने आई है जिसको सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
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राजस्थान के प्रतापगढ़ (pratapgarh crime news) में महिला के मर्डर की एक ऐसी दर्दनाक कहानी सामने आई है जिसे सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. कातिलों ने जिस खौफनाक तरीके से वारदात को अंजाम दिया है वह दिल दहला देने वाला है. महिला का मर्डर (murder story) करने वाला वाला कोई और नहीं बल्कि, उसका पति और भाई ही था. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने का काफी प्रयास किया लेकिन अपनी साजिश में कामयाब नहीं हो पाए.
तीन दिन पहले हुई वारदात का खुलासा करते हुए रविवार को पुलिस (pratapgarh police) ने मृतका के पति, भाई और भाई के साले को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों को महिला के चरित्र पर शक था जिसके चलते उन्होंने खौफनाक तरीके से उसका मर्डर कर दिया.
एक साल पहले ही हुई थी शादी
देवगढ़ थाना अधिकारी निर्भय सिंह ने बताया कि 20 जून को जांबू खेड़ा गांव के नाले में एक महिला का शव मिला था, जिसे देखने के बाद पता चला कि काफी वीभत्स तरीके से उसकी हत्या की गई थी. पुलिस ने शव की पहचान जांबू खेड़ा निवासी प्रेमचंद मीणा की पत्नी श्यामा के रूप में की. दोनों का एक साल पहले ही विवाह हुआ था. मृतका का पिता ने अपने दामाद प्रेमचंद मीणा पर हत्या की आशंका जाहिर की थी. लेकिन पुलिस कार्रवाई के दौरान प्रेमचंद हर वक्त मौजूद रहा और गुमराह करता रहा. 2 दिन बाद जब प्रेमचंद कहीं भागने की फिराक में था तो पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सब कुछ सच-सच उगल दिया.
पत्नी के चरित्र पर शक करता था प्रेमचंद
प्रेमचंद अपनी पत्नी श्यामा के चरित्र पर किसी दूसरे से बात करने को लेकर शक करता था. 17 जून को जब वह मजदूरी करके अपने घर लौटा तो उस समय श्यामा मोबाइल पर किसी से बात कर रही थी. प्रेमचंद के पूछने पर उसने कोई जवाब नहीं दिया और अपना मोबाइल भी छुपा दिया. यह बात उसने श्यामा के भाई भेरूलाल को भी बताई. अगले दिन श्यामा घर से कहीं चली गई. बाद में पता चला कि वह प्रतापगढ़ बस स्टैंड पर बैठी हुई है. इस पर प्रेमचंद, भेरूलाल और भेरूलाल का साला लालूराम तीनों प्रतापगढ़ पहुंचे और श्यामा को अपने साथ बाइक पर बिठाकर प्रेमचंद के घर जांबू खेड़ा लेकर आ गए.
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आंखों में डाली जलती हुई लकड़ियां
प्रेमचंद के घर पर तीनों आरोपियों ने बैठकर शराब पी. इस दौरान श्यामा घर से कहीं चली गई तो तीनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी. जब वह नहीं मिली तो तीनों ने उसकी हत्या की योजना बनाई. देर रात को श्यामा जब वापस लौटी तो तीनों ने उससे पूछताछ की. इस दौरान तीनों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. उसके चीखने-चिल्लाने पर दो आरोपियों ने उसका मुंह दबा दिया और पास ही जल रहे चूल्हे से लकड़ियां निकालकर दागना शुरू कर दिया. तीनों की हैवानियत यही नहीं रुकी, एक ने जलती हुई लकड़ियों को श्यामा की आंखों में घुसा दिया जिससे उसकी आंखें जल गई. लाठियों से उसके साथ मारपीट भी की गई. किसी को वारदात का पता नहीं चले, इसलिए उन्होंने श्यामा को गांव के बाहर नाले में फेंक दिया. लेकिन उसके शरीर में हरकत होने पर तीनों ने फिर से उस पर पत्थर और लट्ठ से वार कर उसे मार दिया.