आदिवासी टीचर बोली- 'मैं मंगलसूत्र नहीं पहनती और ना ही सिंदूर लगाती हूं', अब भजनलाल सरकार ने लिया ये बड़ा एक्शन

Rajesh Soni

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सरकारी शिक्षिका मेनका डामोर ने कहा है कि आदिवासी और हिंदू समुदाय की संस्कृति अलग-अलग है. मैं ना तो मंगलसूत्र पहनती हूं, न ही सिंदूर लगाती हूं.

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राजस्थान में एक आदिवासी महिला टीचर (Adivasi Teacher) का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें उसने बताया है कि आदिवासी और हिंदू समुदाय की संस्कृति अलग-अलग है. इसके साथ ही उसने कहा कि "मैं मंगलसूत्र नहीं पहनती और ना ही सिंदूर लगाती हूं. यहां तक कि मैं कोई व्रत भी नहीं रखती." यह वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Govt) ने सरकारी टीचर पर कड़ा एक्शन लिया है.

दरअसल, यह बयान देने वाली आदिवासी परिवार की संस्थापक सदस्य मेनका डामोर (Maneka Damor Video) है जो सरकारी स्कूल में शिक्षिका है. बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम में भील प्रदेश सांस्कृतिक महारैली के दौरान उन्होंने यह बात कही. इस रैली के दौरान दिए गए कई भाषणों पर आपत्ति जाहिर की गई थी जिसको लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है.

शिक्षा विभाग ने टीचर को किया सस्पेंड

18 जुलाई को आयोजित भील प्रदेश सास्कृतिक महारैली में भारत आदिवासी पार्टी के प्रतिनिधियों समेत कई आदिवासी संगठनों ने हिस्सा लिया था. जिसमें आदिवासी परिवार की संस्थापक सदस्य मेनका डामोर ने कहा कि आदिवासी और हिंदू समुदाय की संस्कृति अलग-अलग है. यह बयान वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षिका मेनका डामोर को सस्पेंड कर दिया. 

जानिए मेनका डामोर ने और क्या कुछ कहा? 

मेनका डामोर ने यह भी कहा था कि हमारे स्कूलों को देवी देवताओं का घर बना दिया गया है. यह शिक्षा का मंदिर है, वहां कोई उत्सव नहीं होना चाहिए. उनके इस बयान के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए मेनका डामोर को सस्पेंड कर दिया. सस्पेंशन के दौरान उन्हें सीबीईओ ऑफिस में ड्यूटी के निर्देश दिए गए हैं. इस मामले में कार्रवाई की मांग करने वाले संगठनों का आरोप था कि मेनका के बायन से शिक्षा विभाग की छवि खराब हुई है.

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