गहलोत का बड़ा ऐलान, ओबीसी के साथ ही गुर्जर वोटों को भी साधने का बड़ा प्लान !

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Gehlot’s big announcement, big plan to help OBC as well as Gujjar votes!
चुनावी साल है और सीएम अशोक गहलोत ने चुनाव से पहले पब्लिक का दिल जीतने की पूरे प्लानिंग कर ली है। जी हां.. इस बार गहलोत कांग्रेस की सरकार रिपीट कराने और बीजेपी को सरकार बनाने से रोकने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाले। तभी तो पहले कैबिनेट की बड़ी बैठक बुलाई और एक के बाद एक बड़े-बड़े फैसले लिए। इस बार की मीटिंग में सीएम गहलोत का मेन फोकस राजस्थान के कर्मचारियों पर रहा, और इनके लिए सीएम का पिटारा खुल चुका है। अब 28 की जगह 25 साल की नौकरी के बाद भी रिटायरमेंट ले पाएंगे सरकारी कर्मचारी
25 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट पर मिलेगी पूरी पेंशन
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75 साल के पेंशनर्स या पारिवारिक पेंशनर को 10 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन भत्ता मिलेगा
वर्क चार्ज कर्मचारियों को नियमित सरकारी कर्मचारियों के बराबर वेतन और पद मिलेगा
राजस्थान अभियोजन सेवा में अब प्रमोशन का एक और मौका मिलेगा
दौसा मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित नवल किशोर शर्मा के नाम किया
हॉस्टल के लिए गुर्जर और रैगर समाज को सस्ती जमीन दी जाएगी
इन बड़े फैसलों के साथ चुनावी साल में सीएम गहलोत कर्मचारियों का भरोसा जीतने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। कर्मचारियों के बहाने राजस्थान के लाखों परिवारों को लुभाने की कोशिश है।
राजस्थान के 55 फीसदी ओबीसी वर्ग के साथ लगता है सीएम गहलोत इस बार गुर्जर समाज के बीच भी बड़ी सेंधमारी की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि कैबिनेट मीटिंग के जरिए सीएम ने एक और बड़ा दांव चला है, ओबीसी-एमबीसी वर्ग की भर्तियों में योग्य कैंडिडेट नहीं मिलने पर अब उन पदों को तीन साल तक खाली रखकर कैरी फॉरवर्ड किया जाएगा। अभी ये प्रावधान केवल एससी-एसटी वर्ग के लिए था, लेकिन सीएम गहलोत के फैसले के बाद अब ओबीसी वर्ग को भी ये बड़ी सुविधा मिलेगी।
बहरहाल अचानक कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर सीएम ने बड़े-बड़े फैसले लिए और सबको चौंका दिया। बड़ी बात ये भी थी कि ये मीटिंग देर रात तक चली, कई घंटों ने गहलोत ने अपने मंत्रियों के साथ मंथन किया और चुनाव से पहले एक बार फिर अपना पिटारा खोल लिया। हालांकि अब हर तरफ इस फैसले को चुनाव से जोड़कर हीं देखा जा रहा है।
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