हाथरस वाले बाबा का खुल गया राज! लोगों ने बताया अलवर आश्रम के अंदर क्या होता था?

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भोले बाबा (Bhole Baba) गांव के लोगों को आश्रम में घुसने नहीं देता था. लेकिन लड़कियों को आश्रम में प्रवेश की इजाजत थी.

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सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) का अलवर के खेड़ली में आश्रम है. कोरोना काल में वो लंबे समय तक यहां रुके थे. हाथरस में हुई सूरजपाल जाटव की कथा सुनने के लिए अलवर के खेडली व आसपास क्षेत्र से काफी लोग गए थे. पहले यहां कई बार बाबा आते थे और कई कथाएं यहां हो चुकी हैं. हाथरस कांड (Hathras Kand) के बाद अब इस आश्रम को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. 

सूरजपाल (Baba Surajpal) के अनुयायियों ने बताया कि वो खेड़ली के आश्रम में आते थे और यहां रुकते थे. इस दौरान लोग उनसे मिलने आते तो खेड़ली और अलवर (Alwar News) में उनकी कथा भी हुई है. कोरोना काल में वो कई दिनों तक इस आश्रम में रुके थे. उनको कोरोना हो गया था. ऐसे में यहां पर उनका इलाज हुआ था. सूरजपाल खेरली में 2020 में अंतिम बार आए थे. उसके बाद वो खेड़ली नहीं आए.

आश्रम में है लग्जरी सुविधाएं

खेड़ली के आश्रम में सूरजपाल के लिए सभी लग्जरी सुविधाएं मौजूद हैं. वहां कमरे बने हुए हैं और बड़ा सा ग्राउंड है. जब सूरजपाल यहां आते थे तो सुबह व शाम आरती होती थी. हजारों की संख्या में लोग यहां उनसे मिलने के लिए आते थे. कमरों में एसी लगे हुए हैं व सभी लग्जरी सुविधाएं मौजूद हैं. आश्रम में एक झूला है जिस पर सूरजपाल बैठे रहते थे.

केवल लड़कियों को मिलती थी आश्रम में एंट्री

बाबा के इस आश्रम को लेकर अब कई खुलासे सामने आए हैं. इनके बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. वहां के लोगों का आरोप है कि बाबा जब आश्रम में आता था, तो लड़कियों को बेरोकटोक एंट्री दी जाती थी. जबकि गांव वालों को आश्रम में जाने से रोक दिया जाता था. 

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