मंत्री पद छोड़ने के बाद किरोड़ीलाल मीणा अब पायलट की राह पर! बाबा ने बढ़ा दी बीजेपी की टेंशन?
बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की सियासत जितनी दिखती है, उतनी आसान नहीं है. पिछले साल चुनावी तैयारियों के दौरान मुख्यमंत्री दावेदारों में शामिल रहे डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया तो उन्होंने 6 महीने के भीतर ही इस्तीफा दे दिया.
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बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की सियासत जितनी दिखती है, उतनी आसान नहीं है. पिछले साल चुनावी तैयारियों के दौरान मुख्यमंत्री दावेदारों में शामिल रहे डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया तो उन्होंने 6 महीने के भीतर ही इस्तीफा दे दिया.
बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की सियासत जितनी दिखती है, उतनी आसान नहीं है. पिछले साल चुनावी तैयारियों के दौरान मुख्यमंत्री दावेदारों में शामिल रहे डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया तो उन्होंने 6 महीने के भीतर ही इस्तीफा दे दिया. उनकी तरफ से इसके पीछे वजह बताई गई कि वह दौसा लोकसभा सीट पर बीजेपी की हार के बाद इस्तीफा दे रहे हैं, जैसा उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान प्रण लिया था. लेकिन अब इस्तीफा देने के बाद पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा करने की बात कह रहे हैं.
बीतें 24 जुलाई को उन्होंने एसओजी दफ्तर पहुंचकर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के दौरान पेपरलीक मामले को दबाने के लिए एसओजी के अधिकारियों के पैसे लेने के सबूत सौंपे हैं. एसओजी ऑफिस पहुंचकर उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि पेपरलीक के मामले में छोटी मछलियों को पकड़ने से काम नहीं चलेगा.
उनके तेवर देखकर याद गए पायलट!
पूर्व मंत्री ने कहा कि जेल में बंद पेपरलीक मामले के सरगना भूपेन्द्र विश्नोई ने उन्हें पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है. जिसमें बताया है कि उसने पेपरलीक की जांच कर रहे जांच अधिकारी मोहन पोसवाल को 64 लाख रूपए दिए हैं. उनके तेवर को देखते हुए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के दौरान कांग्रेस नेता सचिन पायलट की भूमिका याद आ रही है. जब राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत की सरकार थी, तब सचिन पायलट ने गहलोत के खिलाफ खुला मोर्चा खोल रखा था और अब किरोड़ी लाल मीणा भी उसी रास्ते पर चलते दिखाई दे रहे हैं.
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