कोटा संभाग का सबसे हाईटेक हॉस्पिटल देखिए…’यहां बारिश में झरना भी बहता है’!

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See the most hi-tech hospital of Kota division… ‘The waterfall also flows here in the rain’!
बीमार इंसान तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन बीमार.. इतना ज्यादा बीमार अस्पताल पहले शायद कभी नहीं देखा होगा, देखिए अस्पताल की छत से पानी का झरना, और तो और लिफ्ट में भी पानी-पानी, अस्पताल है या फाउंटेन…जिधर नजर जाती है बस पानी के फौव्वारे दिख जाते हैं।कहने को कोटा संभाग का सबसे बड़ा चाइल्ड हॉस्पिटल जेके लोन लेकिन मौसम की पहली बरसात ने ही सरकारी व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। 30 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होने वाली ये बिल्डिंग 2 महीने पहले ही शुरू किया गया था। बारिश में ये इमारत इस तरह से टपक रही है…अरे नहीं नहीं, टपकना जरा कम हो गया बल्कि यहां तो पानी ऐसे बह रहा है मानो यहां छत हो ही नहीं। लगता है अस्पताल को बनाने में इमानदारी की सीमेंट का इस्तेमाल ही नहीं हुआ है, शायद करप्शन के ईंट गारों से तैयार की गई ये इमारत इसलिए बनाई गई है ताकि कोई बड़ा हादसा पेश आ जाए, अस्पताल की बदहाली का वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। रात में ऐसे ही पानी बहता रहा, सुबह जाकर जब अस्पताल प्रशासन हरकत में आया तो अस्पताल के अधीक्षक ने जिस एजेंसी को बिल्डिंग बनाने का ठेका दिया था। उस एजेंसी को बुलाया गया और बिल्डिंग की छत की जांच करवाई गई। छत से लेकर ग्राउंड फ्लोर तक पर सवाल यही कि आखिरकार जब 30 करोड़ की लागत से अस्पताल बनाया गया तो निर्माण में ऐसी क्या लापरवाही हुई या मैटेरियल्स ही यूज नहीं किया गया था कि अस्पताल की छत से पानी गिर रहा है। अस्पताल प्रशासन कह रहा है कि नाली चोक होने की वजह से पानी आ रहा है तो ऐसे में सवाल यह है कि छत से पानी कैसे आ रहा है क्योंकि नाली का रास्ता तो बाहर से होता है। अगर नाली जाम भी है तो छत पर पानी भर जाएगा पर छत से पानी नीचे कैसे आ सकता है। इसे लेकर जब राजस्थान तक के रिपोर्टर चेतन गुर्जर जेके लॉन हॉस्पिटल पहुंचे तो लोगों ने क्या कुछ कहा, जरिए सुनिए।
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