Ankita Bhandari Murder Case: VIP गेस्ट को "एक्सट्रा सर्विस" नहीं देना बना था अंकिता के मौत का कारण, कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

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Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी मर्डर केस में कोटद्वार कोर्ट ने पुलकित आर्य और दो अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया है. VIP गेस्ट को "एक्स्ट्रा सर्विस" देने से इनकार करना की वजह से हुई थी अंकिता की हत्या.

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अंकिता भंडारी मर्डर केस में कोटद्वार कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, तीनों आरोपी दोषी करार
अंकिता भंडारी
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Ankita Bhandari Murder Case: बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में कोटद्वार जिला कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. लगभग 2 साल 8 महीने के इंतजार के बाद ये फैसला आया है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार दे दिया है. तीनों को कठोर आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ तीनों पर 50 हजार का हर्जाना भी लगाया गया है.

उत्तराखंड की घटना उस वक्त सुर्खियों में आ गई जब इस मामले में हाइ प्रोफाइल लोगों का नाम जुड़ा था. वीआईपी नाम जुड़ने के बाद ही केस में कई मोड़ आए. मामले में 500 पेज की चार्जशीट के साथ-साथ 97 गवाह भी पेश किए गए.

कोटद्वार सिविल कोर्ट में हुआ फैसला

दरअसल इस पूरे मामले की सुनवाई कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुबह 10:30 बजे से सुनवाई शुरू हुई. इस फैसले पर पूरे देश की निगाह टिकी हुई थी. फिलहाल तीनों आरोपियों को दोष सिद्ध हो चुका है और उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली है. इन तीनों पर 50 हजार का हर्जाना भी लगाया गया है. इस मामले में पुलकित आर्य पर IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 354A (यौन उत्पीड़न) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत गंभीर आरोप तय किए गए हैं. वहीं, अन्य दो आरोपियों पर भी हत्या में सहयोग और अनैतिक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप लगाए गए हैं.

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97 गवाह-500 पेज की चार्जशीट

इस मामले की जांच करने के लिए एसआईटी(Special Investigation Team) गठित की गई थी. SIT ने 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. इस पूरे घटना में 97 गवाहों के नाम भी थे जिनमें से अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों को अपनी ओर से पेश किया था.

आखिर क्या है पूरा मामला...

ये पूरा मामला शुरू हुआ 18 सितंबर 2022 को जब अचानक अंकिता भंडारी गायब हो जाती है. 19 साल की अंकिता ऋषिकेश के वनंतरा रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी. अचानक 18 सितंबर को वो गायब हुई. जब पिता ने रिसॉर्ट पहुंच इस बात की पूछताछ की लेकिन वो नहीं मिली. फिर पिता ने बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. शक के आधार पर पुलिस ने रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य से पूछताछ की तो उसने अंकिता के मानसिक तनाव से गुजरने की बात बताई. 

पुलकित ने बनाई थे ये कहानी

पुलकित ने पुलिस को बताया कि मानसिक तनाव होने के कारण अंकिता अपने दोस्तों के साथ 18 को ऋषिकेश घूमने गई थी और देर रात अपने कमरे में लौट कर सो गई थी. लेकिन 19 सितंबर की सुबह वो अपने कमरे से गायब थी. लेकिन पुलिस को ये बात कुछ जमी नहीं और उनका शक गहराना लगा.

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शक दूर करने पुलिस ने चेक किया CCTV

पुलकित की बात सुनकर पुलिस ने रिसॉर्ट में काम करने वाले से पूछताछ की. रिसॉर्ट के कर्मचारियों ने बताया कि अंकिता उनके साथ गई थी लेकिन वो लौटी नहीं. पुलिस ने इस बात की पुष्टि के लिए ऋषिकेश आने-जाने के तमाम रास्तों पर लगे हुए CCTV चेक किया. इस छानबीन में सामने ये आया कि अंकिता रिसॉर्ट लौटी ही नहीं थी.

नहर से मिला शव

पुलकित की कहानी का अब पुलिस के सामने पर्दाफाश हो गया था और अब उससे पूछताछ सख्ती से की जाने लगी. सोशल मीडिया पर भी अंकिता की तलाश के लिए कई तरह के कैंपन चलाए जा रहे थे. पुलिस की सख्ती से पुलकित टूट गया और उसने अंकिता को गंगा में धकेलने की बात बताई. इसके बाद ऋषिकेश के नजदीक चिल्ला नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ.

पुलिस जांच में सामने आई ये बड़ी जानकारी

पुलिस की जांच में पुलकित के साथ-साथ उसके दो साथियों का नाम भी सामने आया. दरअसल, पुलकित अंकिता पर गलत करने के लिए दवाब बनाता था. रिसॉर्ट नें काम करने के दौरान ही वहां 'वीआईपी' गेस्ट को 'एक्स्ट्रा सर्विस' देने के पुलकित ने अंकिता को फोर्स किया था जिसका इसने विरोध किया. इसी बात से गुस्साए पुलकित ने अपने दो साथी के साथ मिलकर अंकिता को चीला नहर में धक्का देकर मार डाला था. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

भीड़ ने फूंक दिया रिसॉर्ट को

अंकिता हत्याकांड का खुलासा होते ही पूरे प्रदेश में आक्रोश का माहौल था. इसी गुस्साई भीड़ ने पुलकित आर्य के रिसॉर्ट में आग लगा दी थी. यहां तक की स्थानीय भाजपा विधायक रेणु बिष्ट की गाड़ी का कांच तोड़ दिया गया था. मामले की गंभीरता और बढ़ते हंगामे को देखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता मर्डर केस के SIT गठित की थी. साथ ही पुलकित के रिसॉर्ट को बुलडोजर चलवाकर ढेर करवा दिया था.

पुलकित के पिता को पार्टी से निकाला

इस हत्याकांड पूरे प्रदेश में आक्रोश था. इसके बाद भाजपा ने पुलकित के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया. विनोद आर्य भाजपा नेता और उत्तराखंड सरकार में मंत्री पद पर रह चुके है. आर्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के OBC मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य थे और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे. पुलकित के भाई, अंकित आर्य को उत्तराखंड OBC कल्याण आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटाया गया था. उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था.

अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने की थी ये मांग

अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने अपील की थी मेरी बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा मिलें. उन्होंने VIP अजय कुमार का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि सरकार उसे राजनीतिक संरक्षण दे रही है और निष्पक्ष जांच में बाधा पहुंचा रही है. यह मामला न सिर्फ उत्तराखंड की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि देशभर में महिलाओं की सुरक्षा, राजनीतिक संरक्षण और न्याय प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर गंभीर बहस की वजह बना है.

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