रात का समय था, सुषमा अपने आंगन में बैठी थी, जब अचानक एक बिल्ली ने दरवाजे के पास रोना शुरू कर दिया. घर के बुजुर्गों ने तुरंत कहा, "यह बहुत अशुभ संकेत है, कोई अनहोनी हो सकती है!" घबराई सुषमा ने बिल्ली को वहां से भगाने की कोशिश की. लेकिन क्या वाकई बिल्ली का रोना किसी अनहोनी का संकेत होता है, या यह सिर्फ एक सदियों पुराना अंधविश्वास है?
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फेमस ज्योतिषाचार्य और साइकिक गाइड मनीषा कौशिक ने इस रहस्य पर से पर्दा उठाया और बताया कि हमारे आसपास होने वाली घटनाओं को शुभ-अशुभ मानने से पहले हमें उनके पीछे का असली कारण समझना चाहिए.
क्या वास्तव में जानवर किसी अनहोनी का संकेत देते हैं?
अक्सर कहा जाता है कि बिल्ली का रोना, कुत्ते का रोना, या उल्लू का बोलना अशुभ होता है. लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि ये जानवर आखिर क्यों ऐसा कर रहे होते हैं? मनीषा कौशिक के अनुसार, हर चीज़ के पीछे एक तार्किक कारण होता है:
बिल्ली का रोना – यह संभव है कि वह भूखी हो, दर्द में हो, या किसी ने उसे मारकर भगा दिया हो.
कुत्ते का रोना – कुत्ते की सुनने की क्षमता बहुत तेज होती है, और वे अक्सर ऐसी चीजें महसूस कर लेते हैं जो इंसानों की पकड़ में नहीं आतीं.
उल्लू का बोलना – उल्लू एक रात्रिचर पक्षी है, और उसका बोलना सामान्य व्यवहार का हिस्सा होता है, न कि कोई अनहोनी का संकेत.
अंधविश्वास बनाम वास्तविकता
यह दिलचस्प है कि जिस बिल्ली को दिवाली के दिन देखना शुभ माना जाता है, उसी का रोना अशुभ क्यों समझा जाता है? अगर कोई जानवर हमारे द्वार पर रोता हुआ आता है, तो यह अनहोनी का संकेत नहीं, बल्कि एक मदद की पुकार हो सकता है. मनीषा कौशिक कहती हैं, जिस तरह इंसान रोते हैं और उन्हें सांत्वना की जरूरत होती है, वैसे ही जानवर भी दर्द महसूस करते हैं. हमें उनकी तकलीफ को समझने की कोशिश करनी चाहिए, न कि उन्हें अशुभ मानकर भगा देना चाहिए.
क्या करना चाहिए?
अगर आपके द्वार पर कोई बिल्ली या अन्य जानवर रो रहा हो, तो इसे अशुभ न मानें, बल्कि:
- उसे प्यार से खाना दें – अगर वह भूखा है, तो यह उसके लिए सबसे बड़ी मदद होगी.
- उसे सत्कार से भगाने के बजाय समझदारी से हैंडल करें – जानवर भी भगवान की सृष्टि का हिस्सा हैं.
- स्वच्छता का ध्यान रखें – अगर स्वास्थ्य को लेकर चिंता है, तो जानवर को छूने के बजाय दूर से उसकी मदद करें.
अंधविश्वास को दूर करें, सकारात्मकता अपनाएं!
मनीषा कौशिक का मानना है कि अंधविश्वास हमें डराता है, जबकि सच्चाई हमें शक्ति देती है. हमें हर चीज़ को अंधविश्वास के नजरिए से देखने के बजाय उसके पीछे का तर्क समझना चाहिए. अगर आपकी सोच भी इस विचार से मिलती है, तो इस ज्ञान को दूसरों तक भी पहुंचाएं.
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