Astrology Tips: नीलिमा (काल्पनिक नाम), वाराणसी की एक साधारण सी स्कूल टीचर, जिनकी ज़िंदगी एक समय पर मुश्किलों से भरी हुई थी. पति से झगड़े, स्कूल में छात्रों से कम्युनिकेशन की समस्या और आत्मविश्वास की कमी ने उन्हें थका दिया था. हर दिन एक नए संघर्ष की तरह लगता था.
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एक दिन सोशल मीडिया पर उन्होंने तंत्र और विज्ञान की विशेषज्ञ श्रुति द्विवेदी का वीडियो देखा. वीडियो में वशीकरण तिलक के बारे में बताया गया था कि यह तिलक आत्मविश्वास बढ़ाता है, रिश्तों में सुधार लाता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है.
नीलिमा ने यह तिलक अपनाने का निर्णय लिया. उन्होंने हल्दी, चंदन, सिंदूर और काली हल्दी का तिलक तैयार किया और उसे रोज़ अपनी आज्ञा चक्र पर लगाने लगीं. कुछ ही हफ्तों में उनके जीवन में बदलाव आना शुरू हो गया. पति का व्यवहार सुधर गया, छात्र उनसे जुड़ने लगे और नीलिमा खुद को फिर से मजबूत महसूस करने लगीं.
ज्योतिर्विद श्रुति द्विवेदी के मुताबिक, हिंदू परंपरा में तिलक लगाने की प्रथा न केवल धार्मिक, बल्कि वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक महत्व भी रखती है. तंत्र, मंत्र और विज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञ श्रुति द्विवेदी ने हाल ही में वशीकरण तिलक के चमत्कारी प्रभावों पर प्रकाश डाला. उनके अनुसार, वशीकरण तिलक किसी व्यक्ति को आकर्षित करने, सुख-शांति, आत्मविश्वास, मान-सम्मान और एकाग्रता बढ़ाने में प्रभावी है.
वशीकरण तिलक क्या है?
वशीकरण तिलक स्त्री और पुरुष दोनों के लिए उपयोगी है. यह हल्दी, रोली, चंदन, सिंदूर, केसर और भस्म जैसी सामग्रियों से तैयार किया जाता है. इसे धार्मिक अनुष्ठानों, पर्व-त्योहारों, तीर्थ स्थलों और शुभ संस्कारों में लगाया जाता है. यह तिलक सात्विक भावनाओं को जागृत करता है और लगाने वाले पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है. यह तीसरे नेत्र (आज्ञा चक्र) के प्रतीक के रूप में कार्य करता है, जो मन को उत्साहित कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है.
वैज्ञानिक आधार और मनोवैज्ञानिक प्रभाव
श्रुति द्विवेदी के अनुसार, तिलक का प्रभाव केवल जादू-टोना या मंत्र-तंत्र तक सीमित नहीं है. यह वैज्ञानिक आधार पर कार्य करता है. मस्तिष्क के बीच में स्थित आज्ञा चक्र और दिमाग से निकलने वाले रसायनों का संतुलित स्राव मन को सकारात्मक बनाता है. तिलक लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और व्यक्ति का व्यक्तित्व आकर्षक बनता है. यह रूठे हुए व्यक्ति को मनाने, वैवाहिक बाधाओं को दूर करने और शत्रुओं को शांत करने में भी सहायक है.
वशीकरण तिलक बनाने की विधि
वशीकरण तिलक बनाने के लिए अष्टगंध, हल्दी, रोली, सिंदूर आदि का उपयोग होता है. इन सामग्रियों को पूजा स्थल पर रखकर विधिवत धूप-दीप से पूजन किया जाता है. अपने इष्ट देव का ध्यान और मंत्र जाप कर तिलक को अभिमंत्रित किया जाता है. विशेष मंत्र, जैसे “केशव आनंत गोविंद बाराह पुरुषोत्तम पुण्यम यशस्य आयुष्यम तिलकम में प्रसिद कांति लक्ष्मी धृति सौख्यम सौभाग्यम अतुलम बलम तदा चंदनम नित्यम सतत धार” का जाप, तिलक के प्रभाव को बढ़ाता है. काली हल्दी, तुलसी के बीज, और आंवले के रस के मिश्रण से बना तिलक सकारात्मक ऊर्जा और सम्मोहन शक्ति प्रदान करता है.
विशेष उपयोग और प्रभाव
वैवाहिक समस्याओं के लिए: काली हल्दी, रोली और चंदन का तिलक रूठे प्रिय को मनाने और दांपत्य जीवन के तनाव को दूर करने में रामबाण है.
कारोबारी बाधाओं के लिए: प्रत्येक गुरुवार को केले के रस, हल्दी, अश्वगंधा और गोरोचन के मिश्रण से बना तिलक नौकरी और व्यवसाय की अड़चनों को दूर करता है.
शत्रु शांति के लिए: तर्जनी उंगली से तिलक लगाने से शत्रु का नाश होता है, जबकि अनामिका से लगाने पर सुख-शांति और धनागमन होता है.
ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व
चंदन का तिलक पापों का नाश करता है और घर में धन-धान्य की वृद्धि करता है. यह विरोधी ग्रहों के प्रभाव को भी शांत करता है. राशि के स्वामी ग्रह के अनुसार तिलक लगाने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. चावल के साथ तिलक लगाने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है.
श्रुति द्विवेदी ने बताया कि वशीकरण तिलक केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता, मनोविज्ञान और विज्ञान का अनूठा संगम है. यह न केवल व्यक्तित्व को निखारता है, बल्कि जीवन की विभिन्न समस्याओं का समाधान भी प्रदान करता है.
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Disclaimer: यह जानकारी ज्योतिष और उसके इर्द-गिर्द बनी मान्यताओं और तर्कों पर आधारित है. हम ज्योतिर्विद के हवाले से यह जानकारी आपको दे रहे हैं. न्यूज़ तक ऐसी मान्यताओं और टोटकों का समर्थन नहीं करता है.
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